क्यों न मीणा जाति को आरक्षण पर रोक लगा दें
RAJASTHAN HIGHCOURT : Why not put a stop to Meena caste reservation
जयपुर।हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एसीएस स्कूल शिक्षा, आरपीएससी, निदेशक सेकेंडरी शिक्षा, केंद्रीय जनजाति मंत्रालय व एक अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में मीणा जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी ) श्रेणी में आरक्षण देने पर रोक लगा दी जाए ? न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने यह अंतरिम आदेश प्रार्थी बहादुर भील व 13 अन्य की याचिका पर दिए।
एडवोकेट शोभित तिवाड़ी ने कोर्ट को बताया कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 व 2014 में सामान्य वर्ग की मीणा जाति को एसटी श्रेणी में आरक्षण दिया जा रहा है। जबकि कैप्टन गुरविंदर सिंह व देवीलाल खांट की याचिकाओं में केंद्र सरकार शपथ-पत्र पेश कर कह चुकी है कि केवल मीना जाति ही एसटी में आती है।
सुगन भील की याचिका पर जोधपुर मुख्यपीठ से कोर्ट एसटी श्रेणी में मीणा जाति को नियुक्तियां रोकने को कह चुका है। लेकिन इस आदेश की पालना नहीं हुई है और मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका भी लंबित है। केंद्र सरकार की अधिसूचना 20 सितंबर,1976 के अनुसार एसटी श्रेणी में केवल मीना जाति ही शामिल है न कि मीणा।
राजस्थान के मूल अनुसूचित जनजाति के होने के बावजूद भी प्रार्थियों को एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। क्यों कि एसटी श्रेणी में सामान्य वर्ग की मीणा जाति वालों को गैर-कानूनी तरीके से आरक्षण दिया जा रहा है। याचिका में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में मीणा जाति वालों को एसटी श्रेणी में आरक्षण का लाभ देकर नियुक्ति देने पर रोक लगाने की गुहार की गई है
News Sabhaar : dailynewsnetwork Wednesday, November 26, 2014, 04:28 hrs IST
RAJASTHAN HIGHCOURT : Why not put a stop to Meena caste reservation
जयपुर।हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एसीएस स्कूल शिक्षा, आरपीएससी, निदेशक सेकेंडरी शिक्षा, केंद्रीय जनजाति मंत्रालय व एक अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में मीणा जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी ) श्रेणी में आरक्षण देने पर रोक लगा दी जाए ? न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने यह अंतरिम आदेश प्रार्थी बहादुर भील व 13 अन्य की याचिका पर दिए।
एडवोकेट शोभित तिवाड़ी ने कोर्ट को बताया कि द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 व 2014 में सामान्य वर्ग की मीणा जाति को एसटी श्रेणी में आरक्षण दिया जा रहा है। जबकि कैप्टन गुरविंदर सिंह व देवीलाल खांट की याचिकाओं में केंद्र सरकार शपथ-पत्र पेश कर कह चुकी है कि केवल मीना जाति ही एसटी में आती है।
सुगन भील की याचिका पर जोधपुर मुख्यपीठ से कोर्ट एसटी श्रेणी में मीणा जाति को नियुक्तियां रोकने को कह चुका है। लेकिन इस आदेश की पालना नहीं हुई है और मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका भी लंबित है। केंद्र सरकार की अधिसूचना 20 सितंबर,1976 के अनुसार एसटी श्रेणी में केवल मीना जाति ही शामिल है न कि मीणा।
राजस्थान के मूल अनुसूचित जनजाति के होने के बावजूद भी प्रार्थियों को एसटी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। क्यों कि एसटी श्रेणी में सामान्य वर्ग की मीणा जाति वालों को गैर-कानूनी तरीके से आरक्षण दिया जा रहा है। याचिका में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में मीणा जाति वालों को एसटी श्रेणी में आरक्षण का लाभ देकर नियुक्ति देने पर रोक लगाने की गुहार की गई है
News Sabhaar : dailynewsnetwork Wednesday, November 26, 2014, 04:28 hrs IST
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