Thursday, October 20, 2016

REET SARKARI NAUKRI News - सुप्रीम कोर्ट ने कहा आरटेट में छूट सही, Ab RTET mein bhee 55% TET Marks Par Pass Honge, Supreme Court gives its verdict, अतिरिक्त छूट को गलत ठहराया सुप्रीम कोर्ट ने

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा आरटेट में छूट सही,
Ab RTET mein bhee 55% TET Marks Par Pass Honge, Supreme Court gives its verdict,
अतिरिक्त छूट को गलत ठहराया सुप्रीम कोर्ट ने 

Published : बुधवार, 19 अक्टूबर 2016 08:57 AM (IST)  PreviousNext
supreme court says discount in rtet is correct - News in Hindi

जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से आरटेट-2011 में आरक्षित वर्ग को दिए गए रिजर्वेशन और इसके तहत की गई 2012 में की गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती को सही माना है। न्यायाधीश ए.के. सीकरी व एन.वी. रमाना की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार व अन्य की एसएलपी को मंजूर करते हुए दिया। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ के 2 जुलाई 2013 के आदेश को भी रद्द कर दिया। इस आदेश के तहत राज्य सरकार द्वारा आरटेट-2011 के परिणाम को रद्द करते हुए 2012 में इसके तहत की गई तृतीय श्रेणी शिक्षकों का परिणाम दोबारा जारी करने तथा दोबारा चयन सूची बनाने को कहा गया था। साथ ही शिक्षा विभाग को भी 8 हजार नए शिक्षक मिलेंगे। इससे स्कूलों में खाली पद भर सकेंगे। राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने इसे बेरोजगारों के लंबे संघर्ष की जीत बताया है।


एनसीटीई की गाइडलाइन के मुताबिक टेट में न्यूनतम 60 फीसदी अंक प्राप्त करने वाला ही शिक्षक भर्ती के योग्य माना गया है। लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने आरटेट में आरक्षित वर्ग को न्यूनतम उत्तीर्णांक में 5 से 20 प्रतिशत की छूट दी। इस पर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की पहले एकलपीठ, फिर खंडपीठ ने इसे गलत माना। हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार की 5 से 20 प्रतिशत अंकों की छूट देना गलत है। आरटेट में 60 प्रतिशत अंक ही जरूरी हैं। इस पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की।

अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा- छूट देना सही
अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नोटिफिकेशन व सर्कुलर के अनुसार आरटेट में आरक्षित वर्ग को रिजर्वेशन दिया था और सरकार को अपनी नीतियों के तहत रिजर्वेशन देने का अधिकार था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता इरशाद अहमद ने दलील दी कि राज्य सरकार ने नियमानुसार ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को रिजर्वेशन दिया है और इसमें कोई असंवैधानिक कार्य नहीं किया है। इसलिए हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर एसएलपी मंजूर की जाए


तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2012 में सरकार ने 40 हजार को नियुक्ति दी थी। इसमें से 27 हजार चयनित शिक्षकों के 60 प्रतिशत से अधिक अंक थे और 13 हजार के 60 प्रतिशत से कम। सुप्रीम कोर्ट में मामला होने के कारण इन 13 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही थी। इनको राहत मिल गई। अब सभी 40 हजार शिक्षकों का स्थायीकरण भी हो सकेगा। हालांकि सरकार इनको नियमित वेतन देने के आदेश दे चुकी थी, लेकिन एरियर बकाया है

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2013 में सरकार को 20 हजार पदों पर नियुक्ति करनी थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण 12 हजार उन चयनितों को नियुक्ति दी गई, जिनके आरटेट में 60त्न से अधिक अंक थे। अब आठ हजार शिक्षकों की नियुक्ति भी हो सकेगी। इस बारे में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से अनिश्चितता खत्म हो सकेगी और अभ्यर्थियों को उनका हक मिलेगा। 


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