RTET - Don't mix general & quota lists: HC
The court has ordered that the candidates who got less than 60% in RTET should not be included in the recruitment in the general candidates’ list.
The court has also issued show cause notices to state’s principal secretary of panchayati raj department and principal secretary education and others in this matter.
The order was passed by the single bench of justice Manish Bhandari during the preliminary hearing on a petition filed by one Prerna Joshi.
RTET was conducted on June 2, 2011 and the candidates of reserved category who had got less than 60% in the test were included in the list meant for general candidates.
Petitioners informed the court that the candidates of reserved category had already been benefitted in the eligibility norms for appearing in RTET.
It was argued that if they would not have been given relaxation in the eligibility norms the reserved category candidates would not have been included in the test.
The petitioner thus demanded that since they have taken benefit under reserved category they should now not be included in the general category. RTET which was held for the first time in the state has been marred by several issues.
Initially it was slated to be held in May 2011 but it was later organised in June.
Earlier also in September 2011 , the high court had ordered the state government not to issue pass certificate to the candidates belonging to OBC category securing less than 60 per cent marks in the test.
Petitioner had that time informed the court that as per the right to education law, no relaxation can be given to reserved category candidates in pass marks as this amounted to non-compliance of section 335 of the Indian Constitution.
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About News (Views of Blog Editor ) : -After all in Rajastha Grade 3rd Teacher Recruitment rules of reservation is followed.
As per rules - Top 50% Candidates are for General category ( In which any reserved category SC/ST/OBC can come and treated as General category candidate).
And after that lower 50% candidates vacancies are filled by Reserved category (SC/ST/OBC) and No General category candidate comes in this list.
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Pass marks for general Category in TET Examination is 60% and below 60% marks no GENERAL Category candidate can come.
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क्या था राजस्थान हाई कोर्ट की सिंगल बेंच का निर्णय
What was the decision of Rajasthan High Court Single Bench about Reservation Policy :
In view of the discussion made above, all these writ petitions are partly allowed with the following directions -
1. The circular dated 11.5.2011 would not be applicable to the present selection in view of the judgment in the case of K.Manjusree (supra), wherein, it was held that rules of game cannot be changed in the midst of selection thus respondents are directed to make appointment without applying circular dated 11.5.2011 in the present matter as initiation of recruitment is prior to the circular dated 11.5.2011 so as the advertisement. The migration of reserve category candidates to open/ general category can be permitted as per earlier circular dated 24.6.2008 and Standing Order applicable to present selection and not as per circular issued on 11.5.2011 as it is much subsequent to the advertisement and not given retrospective effect.
2. The circular dated 11.5.2011 provides for migration of reserve category candidates to open/ general category in the case where the candidates have taken special concession. The aforesaid circular needs to be given proper interpretation. It would be applicable in the case where reserve category candidates have taken benefit of concession of fee and relaxation in age. In those cases, one would be allowed to migrate to open/general category if obtained equal or more marks to the last candidate in open/general category. In case of any other concession or relaxation during the process of selection by reserve category candidate, he would not be allowed to migrate to open/general category as the 'level playing field' during the course of selection does not remain the same. Thus, respondents are directed to implement circular dated 11.5.2011 in the light of the directions given above but it would not be applicable to this selection as indicated in the first para of directions.
See Details Here :http://joinrtet.blogspot.in/2014/08/rajasthan-high-court-judgement.html
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शिक्षक भर्ती: टेट में 60% से कम अंक तो सामान्य वर्ग के पदों पर नहीं होगा चयन
जयपुर.थर्डग्रेड टीचर भर्ती (लेवल वन) में हाईकोर्ट ने सामान्य वर्ग के पदों पर आरक्षित वर्ग के उन अभ्यर्थियों के चयन व नियुक्ति पर रोक लगा दी है, जिनके आरटेट परीक्षा में साठ प्रतिशत से कम अंक थे। अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव व प्रमुख पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
न्यायाधीश एम.एन.भंडारी ने यह अंतरिम आदेश प्रेरणा जोशी की याचिका पर दिया। इसमें कहा गया है कि थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के लेवल वन में ऐसे अभ्यर्थियों का चयन सामान्य वर्ग में किया गया जिनके आरटेट में साठ प्रतिशत से कम अंक हैं, जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।
तृतीय श्रेणी पीटीआई के लिए सीपीएड धारक ही योग्य : हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने तृतीय श्रेणी पीटीआई (शारीरिक शिक्षक) के लिए सीपीएड धारक अभ्यर्थियों को ही योग्य माना है। यह आदेश पीटीआई भर्ती 2008 को लेकर दिया गया है।
अदालत ने परिणाम भी नए सिरे से जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सेवा नियमों में संशोधन की 9 दिसंबर, 2011 को जारी अधिसूचना को भी इस भर्ती में मानने से इनकार कर दिया। इस अधिसूचना में सरकार ने बीपीएड व डीपीएड धारकों को भी तृतीय श्रेणी पीटीआई के लिए योग्य माना था।
न्यायाधीश एम.एन. भंडारी ने यह आदेश प्रकाशचन्द मीणा व अन्य की याचिकाओं पर दिया। आरपीएससी ने 3 सितंबर 08 को द्वितीय व तृतीय श्रेणी पीटीआई के 567 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। ये सभी पद एससी और एसटी वर्ग के बैकलॉग के
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After this TET Pass Marks matter reaches to Rajasthan High Court Chief Justice Bench,
Where candidate possessing TET marks less than 60% ( 90 marks) declared Fail
इस निर्णय के बाद मामला राजस्थान हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच में पहुंचा ।
और वहां टेट 60 % से नीचे वालों को फेल घोषित कर दिया (आर टी ई एक्ट के कुछ प्रावधानों के तहत )
RTET : आरटेट परीक्षा में खत्म होगी पात्रता की छूट
RTET - Only 60% Marks Achiever is Qualified Now
RTET / Rajasthan Teacher Eligibility Test News
http://joinrtet.blogspot.com/
जयपुर। आरटेट परीक्षा में महिलाओं, विधवा सहित आरक्षित जातियों के विद्यार्थियों को पात्रता में छूट दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी वापस लिए जाने का निर्णय किया है।
इस स्थिति में 60 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी ही पास माने
जाएंगे। अब 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों पर संकट खड़ा हो जाएगा।
राजस्थान बीएसटीसी शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से एसएलपी वापस लेने के
निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुहार की है।
आरटेट परीक्षा की पात्रता में तत्कालीन सरकार ने 10-15 फीसदी तक की छूट दी थी। जिसमें महिला और एससी एसटी के लिए 15 फीसदी और ओबीसी को 10 फीसदी की छूट मिली, जबकि नियमानुसार केवल 60 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्रों को ही परीक्षा में उत्तीर्ण किया जा सकता था। ऎसे में मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई थीं।
जिन पर हाईकोर्ट ने प्रक्रिया पूरी किए बिना छूट देने के निर्णय को 2 जुलाई, 2012 को गलत ठहराया था। तत्कालीन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करते हुए छूट दिए जाने की गुहार की थी।
अब सरकार ने तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा को अलग से कराए जाने की जगह आरटेट, बीएड और अन्य योग्यता परीक्षा अंकों के आधार पर मैरिट लिस्ट तैयार कर शिक्षक भर्ती करने पर चर्चा कर रही है।
इसी के साथ सरकार ने एसएलपी को वापस लेने का निर्णय किया है। ऎसे में आरटेट पात्रता में दी गई छूट समाप्त हो जाएगी। छूट के आधार पर आरटेट परीक्षा उत्तीर्ण कर तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर चयनित अध्यापकों की नौकरी पर भी सवाल उठ जाएगा।
उठे विरोध के स्वर
राजस्थान बीएसटीसी शिक्षक संघ ने एसएलपी लिए जाने का विरोध करते हुए कहा, सरकार को एसएलपी के फैसले का इंतजार करना चाहिए, केवल प्रक्रिया की वजह से छात्रों के चयन पर सवाल उठाया जाना गलत है। संघ के अध्यक्ष उपेन यादव के मुताबिक, इस विष्ाय पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर छात्रों के हित में फैसला लेने की गुहार करेगें।
News Source Sabhaar : Rajasthan Patrika (Fri, 11 Jul 2014 12:54:04)
आरटेट परीक्षा की पात्रता में तत्कालीन सरकार ने 10-15 फीसदी तक की छूट दी थी। जिसमें महिला और एससी एसटी के लिए 15 फीसदी और ओबीसी को 10 फीसदी की छूट मिली, जबकि नियमानुसार केवल 60 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्रों को ही परीक्षा में उत्तीर्ण किया जा सकता था। ऎसे में मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुई थीं।
जिन पर हाईकोर्ट ने प्रक्रिया पूरी किए बिना छूट देने के निर्णय को 2 जुलाई, 2012 को गलत ठहराया था। तत्कालीन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करते हुए छूट दिए जाने की गुहार की थी।
अब सरकार ने तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा को अलग से कराए जाने की जगह आरटेट, बीएड और अन्य योग्यता परीक्षा अंकों के आधार पर मैरिट लिस्ट तैयार कर शिक्षक भर्ती करने पर चर्चा कर रही है।
इसी के साथ सरकार ने एसएलपी को वापस लेने का निर्णय किया है। ऎसे में आरटेट पात्रता में दी गई छूट समाप्त हो जाएगी। छूट के आधार पर आरटेट परीक्षा उत्तीर्ण कर तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर चयनित अध्यापकों की नौकरी पर भी सवाल उठ जाएगा।
उठे विरोध के स्वर
राजस्थान बीएसटीसी शिक्षक संघ ने एसएलपी लिए जाने का विरोध करते हुए कहा, सरकार को एसएलपी के फैसले का इंतजार करना चाहिए, केवल प्रक्रिया की वजह से छात्रों के चयन पर सवाल उठाया जाना गलत है। संघ के अध्यक्ष उपेन यादव के मुताबिक, इस विष्ाय पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर छात्रों के हित में फैसला लेने की गुहार करेगें।
News Source Sabhaar : Rajasthan Patrika (Fri, 11 Jul 2014 12:54:04)
Read more: http://naukri-recruitment-result.blogspot.com/search/label/RTET#ixzz39RRFn3bk
See Details Here : http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/search/label/Rajasthan%20Highcourt%20Chief%20Justice%20Bench%20Decision
1 comment:
Frns...... last year jb tet k exam huy tb rajasthan sarkaar ne kaha ki keval 60% vale hi 3rd grade exam denge.........pr candidates ne rit lagaai ki exam form me % me resurvation hai...........tb court ne unki baat maan li aur vo log es exam me bethne k liy eligible ho gay......shiksha ka adhikar niyam 2005 ko ignore karke...
indian constitution me pravdhan hai ki 2 jagah resurvation nahi mil sakta....es niyam k anusaar ab es pariksha me vargvaar merrit banne k bajaay ek hi merrit banni chahiy......so what do you think guys.....??????? reply
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