Friday, September 5, 2014

Teachers Day : PM Modi Speech to Children

टीचर्स डे: पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें
 Teachers Day : PM Modi Speech to Children 
**********************************
मोदी सर की क्लास' से पहले क्या बोले बच्चे ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीचर्स डे के मौके पर आज देशभर के स्कूली बच्चों को संबोध‍ित किया. पीएम का यह भाषण करीब 18 लाख स्कूलों में लाइव दिखाया गया. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब शिक्षक दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री ने स्‍कूली बच्‍चों को संबोधित किया.
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि बच्चों के बीच भाषण सौभाग्य की बात है. श‍िक्षक के महत्व को समझे बिना बदलाव संभव नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि आख‍िर क्या वजह है कि अध‍िकतर लोग टीचर नहीं बनना चाहते?


इस अवसर पर लाखों विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि...

* स्कूलों में रोजगार परक शिक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
हमारे पास डिग्री के साथ हुनर भी होना चाहिए। बच्चों को भी स्किल डेवलपमेंट का अवसर मिलना चाहिए। स्किल डेवलपमेंट किसी भी देश और व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। जहां भी जिस तरह का काम है, वहां के युवकों को उसी तरह का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि उन्हें अपने गांव के निकट ही काम मिल जाएगा। ऐसा होगा तो रोजगार बढ़ेंगे और देश का आर्थिक विकास भी होगा। हम ने स्किल डेवलपमेंट के लिए अलग से मंत्रालय बनाया है।

* आपकी हमसे क्या अपेक्षाएं हैं और हम आपके लिए क्या कर सकते हैं?
मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में ऊर्जा संकट है। बच्चे बिजली बचाने का काम कर सकते हैं। क्लास खत्म होने के बाद हम ध्यान रखें कि बिजली बंद हुई है या नहीं। हम बंद करें। हम छोटी छोटी चीजें समझकर पानी और बिजली बचा सकते हैं। सब मिलकर हम थोड़ा थोड़ा करेंगे तो बूंद बूंद से सागर भर जाएगा।

* लड़कियों की शिक्षा के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
हम चाहते हैं कि बालिकाओं के लिए निकटतम स्कूल मिले और उन्हें स्तरीय शिक्षा मिले। हम इसके लिए तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं।

* काम का दबाव कैसे नियंत्रित करते हैं?
मोदी ने कहा कि राजनीति को प्रोफेशन नहीं मानना चाहिए। इसे एक सेवा के रूप में स्वीकार करना चाहिए। सेवा का भाव तब जगता है, तब अपनापन होता है। अपनापन नहीं होता तो सेवा का भाव नहीं जग सकता। 125 करोड़ देशवासी मेरा परिवार हैं। इनके लिए काम करते हुए मुझे कभी थकान महसूस नहीं होता। मुझे और ज्यादा काम करने के लिए प्रेरणा मिलती है। अपनापन लंबे समय तक चलता है। पद तो आते जाते रहते हैं।

* मुख्‍यमंत्री रहते हुए आपने 'गुजरात पढ़ो' अभियान शुरू किया था, क्या राष्ट्रीय स्तर पर भी आपकी कोई योजना है?
इस सवाल पर मोदी ने कहा कि ऐसा कोई कार्यक्रम तो नहीं, लेकिन मैंने डिजिटल इंडिया का काम शुरू किया है। मैं चाहता लोग तकनीक और विज्ञान से जुड़ें। मैं डिजिटल इंडिया का सपना लेकर चल रहा हूं। हर भाषा में डिजिटल इंडिया का सपना पूरा होना चाहिए। व्यक्ति को पढ़ने की आदत होती चाहिए। मेरी अब किताब पढ़ने की आदत छूट गई है, अब मैं फाइलें पढ़ता हूं।

* पर्यावरण की रक्षा कैसे करें?
इस सवाल के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम बदल गए हैं, हमारी आदतें बदल गई हैं। हमने पूरे पर्यावरण का नुकसान किया है। हम बदल जाएं तो संतुलन तुरंत हो जाता है। मनुष्य को प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। उससे संघर्ष नहीं करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में तो पौधे को परमात्मा और नदी को माता कहा गया। जब से यह सब भूल गए हैं तो गंगा भी मैली हो गई है। हम पूरे ब्रह्मांड को अपना परिवार मानते हैं। हमें सिखाया जाता है कि हम सुबह उठते हैं पृथ्वी पर पांव रखते हैं तो हमें भारत के लिए उससे माफी मांगना सिखाया जाता है। हम प्रकृति के साथ जीना भूल गए हैं। हमें यह फिर से सीखना पड़ेगा।

* बच्चे देश की सेवा कैसे कर सकते हैं?
नरेन्द्र मोदी ने एक छात्रा के सवाल के जवाब में कहा कि अच्छे विद्यार्थी बनें। यह भी अपने आप में देश की सेवा ही है। बच्चे साफ सफाई का ध्यान रखें। बच्चे घर में बिजली बचाने का काम करें। यह भी बहुत बड़ी देश सेवा है। बिजली बचाकर आप पर्यावरण की रक्षा कर सकता है। देश सेवा के लिए बहुत चीजें करने की जरूरत नहीं, छोटी छोटी बातों से भी हम देश की सेवा कर सकते हैं।

* यदि आप शिक्षक होते तो आप कैसे बच्चे पसंद करते?
मोदी ने कहा कि शिक्षकों का काम होता है विद्यार्थी गुणों को समझें और विकसित करे। शिक्षक के लिए सभी बच्चे अपने होते हैं। उसे सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मैं भी यदि शिक्षक होता तो सबके साथ समान व्यवहार करता।

* हमारे इलाके में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी हैं। इसके लिए आप क्या प्रयास करेंगे। (छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से एक छात्रा का सवाल है)
छत्तीसगढ़ में रमणसिंहजी ने जो काम किए हैं, मुझे विश्वास है शिक्षाविदों का ध्यान इस ओर जाएगा। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यदि एक बालिका पढ़ती है तो दो परिवार पढ़ते हैं। मेरा भी इस बात पर जोर है कि बालिका शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। बेटियों के लिए अलग टॉयलेट नहीं होने के कारण लड़कियां जल्दी स्कूल छोड़ देती हैं। यदि इस पर पहले ध्यान दिया जाता तो स्थितियां कुछ और होतीं। मैं इस बात पर विशेष तौर पर ध्यान दे रहा हूं। लड़कियां स्कूल छोड़ें नहीं इस पर मेरा विशेष ध्यान है। शिक्षा को लेकर बालिका के मन में इस तरह का सवाल है तो यह बड़ी बात है। इस सवाल में देश को जगाने की ताकत है।

* क्या आपको स्कूल के दिनों की कुछ शरारतें याद हैं? (लेह की एक छात्रा का सवाल)
मोदी ने कहा कि कोई बालक ऐसा नहीं होता जो शरारत नहीं करता हो। मुझे इस बात की चिंता है कि बचपन बहुत जल्दी मर रहा है। बचपन में शरारतें होनी चाहिए। जीवन में विकास के लिए यह बहुत जरूरी है।

मोदी ने अपनी शरारत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम जब छोटे थे तो शादी के समय शहनाई वादक को इमली दिखाते थे, जिससे वह बजा नहीं पाता था। वह हमें मारने के लिए दौड़ता था।

अपनी एक और शरारत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम शादी के समारोह में जाते थे हम वहां स्वागत में खड़े महिला पुरुषों के कपड़ों में स्टेपलर लगा दिया करते थे।


* यदि आप शिक्षक होते तो आप कैसे बच्चे पसंद करते?
मोदी ने कहा कि शिक्षकों का काम होता है विद्यार्थी गुणों को समझें और विकसित करे। शिक्षक के लिए सभी बच्चे अपने होते हैं। उसे सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। मैं भी यदि शिक्षक होता तो सबके साथ समान व्यवहार करता।

* जापान और भारत की शिक्षा में आप क्या अंतर महसूस करते हैं?
इस सवाल के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जापान में टीचिंग नहीं के बराबर है, लेकिन 100 फीसदी लर्निंग है। वहां बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलता है। वहां हर विद्यार्थी में गजब का अनुशासन है। वहां मां बाप स्कूल छोड़ने नहीं जाते हैं। वहां हर कदम पर पैरेंट्‍स खड़े होते हैं। इससे सभी पैरेंट्‍स सभी बच्चों को समान ट्रीटमेंट देते हैं। यह सभी बच्चों के प्रति समान व्यवहार की बात मेरे मन को छू गई है। वहां तकनीक का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है। वहां अनुशासन और स्वच्छता बहुत ही सहज है। सम्मान हरेक के व्यवहार में नजर आता है। यह चीज संस्कारों से आती है।

* मैं भारत का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता हूं। (पूर्वोत्तर के एक छात्र का सवाल)
इस पर नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 2024 के चुनाव की तैयारी करो। इसका मतलब यह भी है कि तब तक मुझे किसी तरह का खतरा नहीं है। भारत लोकतांत्रिक देश है। यदि आप देश की जनता का विश्वास जीत सकते हैं, तो कोई भी बालक देश का प्रधानमंत्री बन सकता है। आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं।


* लोग कहते हैं कि आप हैडमास्टर की तरह हैं, मगर आप वास्तविक जीवन में किस तरह के आदमी हैं? आप क्या हैं?
मैं खुद तय नहीं कर सकता हूं कि मैं क्या हूं। मैं ऐसा आदमी हूं कि खुद भी काम करता हूं और दूसरों से भी काम लेता हूं। मैंने अधिकारियों से भी कहा है कि वे 12 घंटे काम करेंगे तो मैं 13 घंटे काम करूंगा


* आपको हमारे जैसे छात्रों के बीच आने से क्या लाभ मिलता है?
लाभ मिलता होता मैं नहीं आता। बहुत सारे काम ऐसे होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते हैं। लाभ के लिए जो काम होते हैं, उनमें बहुत आनंद आता है। मैं पहली बार देख रहा हूं पूरे देश का मीडिया विद्यार्थियों की चर्चा कर रहा है। मेरे लिए यही सबसे बड़ा लाभ है अन्यथा देश हमारे जैसे नेताओं के चेहरे देखकर बोर हो गया था।

* क्या आपने बालक के रूप में सोचा है कि क्या आप देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और विश्व में प्रसिद्ध होंगे?
मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा। मैं तो कभी स्कूल में मॉनिटर का चुनाव भी नहीं लड़ा। मैं बहुत ही छोटे परिवार से आता हूं। लेकिन, मैंने बड़ों से सीखा है, पढ़ा है कि अति महत्वाकांक्षा बोझ बन जाती है। ज्यादा अच्छा हो कि आप कुछ बनने के बजाय कुछ करने की सोचना चाहिए। इससे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। करते करते कुछ बन गए तो बन गए। करने का आनंद अलग है।

* गांधीनगर से दिल्ली आने के बाद आप कैसा महसूस कर रहे हैं। क्या बदलाव आया है, आपके जीवन में?
मुझे अभी दिल्ली देखने का समय नहीं मिला है। अभी घर से ऑफिस और ऑफिस से घर जाता हूं। मैं अभी कोई बहुत बड़ा फर्क महसूस नहीं करता। मुख्‍यंमत्री से प्रधानमंत्री बनने में विषयवस्तु बदलती है, दायरा बदलता मगर शेष कुछ नहीं बदलता। उतना ही काम करना पड़ता, देर रात तक जागना पड़ता है। दिल्ली में ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है। मुख्‍यमंत्री रहने के कारण इस दायित्व को समझने और निभाने में कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आई। मैं इसे सरलता से कर पाया।
* बच्चों को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने की जरूरत है।
* हमारी कोशिश होनी चाहिए कि बच्चे विज्ञान और तकनीक से जुड़ें।
* जीवन में खेलकूद नहीं है तो जीवन खिलेगा नहीं।
* बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि दिन में चार बार पसीना निकलें, अर्थात वे शारीरिक श्रम करें।
* जीवन कंप्यूटर, किताब और टीवी में ही दबकर न रह जाए।
* महापुरुषों के जीवन चरित पढ़ने से हम इतिहास के करीब पहुंचते हैं।
* बड़े लोगों की जीवनी पढ़ने चाहिए।


* आगे बढ़ने वालों के इरादों में दम हो तो, उसे कोई भी परिस्थितियां उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक सकतीं। ऐसा मैं सोचता हूं।
* देश के इंजीनियर, डॉक्टर और अन्य अधिकारी सप्ताह में एक दिन बच्चों को जाकर पढ़ाएं या सिखाएं।
* हर किसी की शक्ति को जोड़ने की जरूरत है।
* सभी महापुरुषों के जीवन में शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है।
* जापान में शिक्षक और छात्र मिलका स्कूल की सफाई करते हैं। यहां भी ऐसा किया जा सकता है।

* जो पीढ़ियों के बारे में सोचते हैं वे इन्सान बोते हैं।
* जो बातें बच्चे मां बाप को नहीं बताते, वह शिक्षकों को बताते हैं।
* वैश्विक परिवेश में ऐसा माना जाता है कि सारे देश में अच्छे शिक्षकों की बहुत बड़ी मांग है।
* क्या भारत यह सपना नहीं दुनिया को नहीं दे सकता।
* शिक्षक के महत्व को समझे बिना समाज में बदलाव संभव नहीं।
* 18 लाख स्कूलों में मोदी का लाइव भाषण दिखाया जा रहा है।
* गांवों में शिक्षक सबसे आदरणीय होता है। इस स्थिति को फिर से लाने की जरूरत है।
* विद्यार्थी के लिए शिक्षक हीरो जैसा होता है। वे उनकी ही तरह करना चाहते हैं।

* हम जब तक शिक्षक की अहमियत स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक शिक्षक के प्रति गौरव पैदा होगा न ही नई पीढ़ी के परिवर्तन में ज्यादा सफलता मिलेगी।
* हम इस बात को समझें कि हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व क्या है।
* मैं भारत के भावी सपनों के साथ बात कर रहा हूं।
* मेरे लिए सौभाग्य की घड़ी है कि मुझे देश के बच्चों से बातचीत का मौका मिला है।





****************************************************************************
जापान का किस्सा
************
मोदी ने अपने भाषण में हाल में अपनी जापान यात्रा का एक किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि जापान में टीचर और स्टूडेंट मिलकर सफाई करते हैं. हिंदुस्तान में ऐसा क्यों नहीं होता? हम इसे राष्ट्रीय चरित्र कैसे बनाएं, इस पर विचार करना होगा.

मीडिया पर चुटकी
************
मोदी ने अपने इस भाषण में मीडिया पर चुटकी की. उन्होंने कहा, 'जब मैं गुजरात में था तो एक बार टीवी चैनलों ने एक स्कूल में सफाई वाली खबर पर खूब बवाल किया. मैं पूछता हूं कि इसमें बुराई क्या है, अगर बच्चों में स्कूल में सफाई की.' हालांकि बाद में मोदी ने टीचर्स डे के इस कार्यक्रम के लगातार कवरेज के लिए मीडिया का आभार भी व्यक्त किया.

अनुरोध
******
पीएम ने पढ़े लिखे लोगों से आग्रह किया कि वो निकट के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए सप्ताह में एक पीरियड लें. मोदी ने श‍िक्षकों से आग्रह किया कि बच्चों को आधुनिक टेक्नोलॉजी की जानकारी दें.

कितनी बार निकलता है पसीना?
*********************
मोदी ने मानेकशॉ ऑडिटोरियम में मौजूद बच्चों से पूछा कि कितनों को दिन में चार बार पसीना निकलता है? बच्चों को खूब मस्ती करना चाहिए, दौड़-धूप करना चाहिए कि दिन में चार बार पसीना आए. किताब, टीवी, कम्प्यूटर के दायरे में जिंदगी नहीं रहनी चाहिए.

जीवन चरित्र पढ़ने की सलाह
*******************
मोदी ने बच्चों को सलाह दी कि उन्हें नियमित किताबों के अलावा जीवन चरित्र जरूर पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इससे हम इतिहास के बहुत करीब जाते हैं. हर क्षेत्र के अग्रणी लोगों के जीवन चरित्र पढ़ने चाहिए.'

गूगल का जिक्र
*********
मोदी ने कहा, 'आज कल हर काम गूगल गुरु करता है. कोई भी सवाल मन में आता है, गूगल गुरु के पास चले जाते हैं. गूगल गुरु से जानकारी तो मिलती है, लेकिन ज्ञान नहीं.' पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना पड़ता है

सवाल-जवाब राउंड शुरू हुआ तो एक बच्चे ने पूछा कि सीएम से पीएम बनने के बाद आपको कैसा लगा? मोदी का जवाब था, 'दिल्ली में अभी घूमा ही कहां हूं. ऑफिस से घर, घर से ऑफिस. ज्यादा बदलाव नहीं आया. इस दायित्व को संभालने में मुझे कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. पीएम बनने के बाद संभलकर बोलना होता है.'

एक लड़की के सवाल पर मोदी ने कहा, 'मैं एक दिन पीएम बनूंगा, ये कभी नहीं सोचा था. सपने देखने चाहिए, लेकिन कुछ बनने के बजाय, कुछ करने के सपने देखने चाहिए. महत्वाकांक्षा जीवन में बोझ की तरह है.

इस सवाल पर कि बच्चों से बातचीत से आपको क्या लाभ होगा, मोदी ने कहा, लाभ मिलता होता तो नहीं आता. बहुत सारे काम होते हैं जो लाभ के लिए नहीं किए जाते. ऐसे काम का आनंद अलग होता. लाभ के लिए काम करने वाले मुसीबत में फंस हो जाते हैं.

'2024 तक रहूंगा पीएम'
*****************
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इम्फाल से एक बच्चे ने मोदी पूछा, 'मैं कैसे देश का पीएम बन सकता हूं.' इस पर मोदी का जवाब था, '2024 के चुनाव की तैयारी करो. इसका मतलब हुआ कि तब तक मैं पीएम रहूंगा.' मोदी के इस जवाब पर खूब ठहाके लगे.

शरारती बाल नरेंद्र के किस्से
********************
नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन के दिनों में की गई शरारतों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कोई बालक शरारत न करे तो य‍ह चिंता की बात है. उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब किसी शादी में शहनाई बजती थी तो मोदी और इनके कुछ साथी इमली लेकर जाते थे और शहनाई बजाने वाले के सामने इसे खाते थे. इससे शहनाई बजाने वाले के मुंह में पानी आ जाता और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत होती थी.

एक और किस्से का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'हम बचपन में किसी की शादी में चले जाते थे. कोई भी दो लोग खड़े होते थे तो उनके कपड़े में स्टेपलर लगा देते थे.' मोदी के ये किस्से सुनकर बच्चों ने खूब ठहाके लगाए.

बच्चों को दी भगवत गीता
*******************
मानेकशॉ ऑड‍िटोरियम में आयोजित समारोह में स्कूली बच्चे भी शामिल हुए. कुछ बच्चों ने डॉ. राधाकृष्णन के संस्मरण सुनाए. इन बच्चों ने पीएम के पैर छुए और मोदी ने इन्हें भगवत गीता भेंट की.

साभार-आजतक
*******************************************
*******************************************
शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों से मुखातिब हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छात्र-छात्राओं ने तरह-तरह के सवाल पूछे। नरेंद्र मोदी से बच्चों का पहला सवाल था, आपको प्रधानमंत्री बनकर कैसा लगता है? जवाब में मोदी ने कहा, मुख्यमंत्री के रूप में मिला अनुभव काम आ रहा है। पीएम से बच्चों का दूसरा सवाल था, आपके जीवन में शिक्षकों का ज़्यादा योगदान रहा, या अनुभवों का? प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि मेरे लिए दोनों बेहद महत्वपूर्ण हैं।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का तीसरा सवाल रहा, क्या आपने बचपन में सोचा था, प्रधानमंत्री बनेंगे, विश्वप्रसिद्ध होंगे... प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, कभी नहीं सोचा था कि पीएम बनूंगा, मैं तो क्लास में कभी मॉनिटर भी नहीं बन पाया। हमें जीवन में कुछ बनने के नहीं, कुछ करने के सपने देखने चाहिए, क्योंकि करते-करते कुछ बन गए तो बन गए, नहीं बने तो कोई बात नहीं। कुछ करने का आनंद अपने आप में बहुत सुख देता है।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का चौथा सवाल, हम जैसे बच्चों से बातचीत कर आपको क्या लाभ मिलता है? प्रधानमंत्री का जवाब, बहुत सारे काम होते हैं, जो लाभ के लिए नहीं किए जाते और इसका अलग आनंद होता है। मैं मीडिया वालों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने बच्चों की इच्छाएं पूछीं।

मणिपुर के एक बच्चे ने पीएम मोदी से पूछा, मैं देश का प्रधानमंत्री कैसे बन सकता हूं? प्रधानमंत्री यह सवाल सुनकर हंस पड़े और कहा कि 2024 के चुनाव की तैयारी करो, शपथग्रहण में मुझे जरूर बुलाना...

पीएम से बच्चों का अगला सवाल था कि जापान और भारत की शिक्षा प्रणाली में क्या अंतर पाया? प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान में शिक्षण न के बराबर, लेकिन सीखना शत-प्रतिशत होता है, वहां गज़ब का अनुशासन है। बच्चों ने मोदी से आठवां सवाल किया कि आलसी, लेकिन होशियार बच्चे और मेहनती मंदबुद्धि बच्चे में आप किस पर ध्यान देंगे? प्रधानमंत्री ने जवाब दिया कि मैं टीचर होता, तो किसी बच्चे से भेदभाव नहीं करता। कोई भी टीचर बच्चों से भेदभाव नहीं करता।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का नौवां सवाल था, क्या आपको अपने विद्यार्थी काल में की गई शरारतें याद हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना शरारत के बच्चों का विकास रुक जाता है। उन्होंने कहा कि बचपन में वह खुद भी बहुत शरारती थे और दोस्तों के साथ शहनाई बजाने वालों को इमली दिखाते थे, ताकि उसके मुंह में पानी आ जाए और उसे शहनाई बजाने में दिक्कत हो। यही नहीं पीएम ने यह भी बताया कि बचपन में वह शादी में आए महिला-पुरुष मेहमानों की पोशाकें स्टेपल कर दिया करते थे।

नरेंद्र मोदी से बच्चों ने सवाल किया कि जनजातीय इलाकों में लड़कियों की शिक्षा पर वह क्या कहेंगे? प्रधानमंत्री ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। मेरा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि लड़कियां स्कूली पढ़ाई बीच में न छोड़ें, सभी स्कूलों में शौचालय की पहल इसी प्रयास का हिस्सा है।

नरेंद्र मोदी से बच्चों का ग्यारहवां सवाल था कि हम बच्चे देश के विकास में आपकी क्या मदद कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने इसके जवाब में कहा कि देश की सेवा करने के लिए जान देना या राजनेता बनना ही जरूरी नहीं है, बिजली बचाकर और एक पौधा लगाकर भी देश की सेवा की जा सकती है। अगर आप लोग सफाई और अनुशासन सीखेंगे, तो यह भी देशसेवा होगी।

जलवायु परिवर्तन से जुड़े बच्चों के सवाल पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रकृति के प्रति लगाव हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है, लेकिन बदलाव आया है। प्रकृति से प्यार करो, अपनी आदतें बदलो, सब ठीक हो सकता है।

बच्चों ने पीएम से पूछा, क्या आपकी नजर में राजनीति मुश्किल पेशा है? प्रधानमंत्री ने कहा, राजनीति पेशा नहीं, सेवा है...मुझे सभी सवा सौ करोड़ भारतीय परिवार लगते हैं, इसलिए सेवा करने से थकान नहीं होती। नरेंद्र मोदी से बच्चों का चौदहवां सवाल था कि क्या वह सारे भारत को पढ़ाने का कोई कार्यक्रम लाएंगे? पीएम ने कहा कि डिजिटल इंडिया और सभी भाषाओं में आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवाना उनका सपना है। उन्होंने बच्चों से कहा कि चाहे कॉमिक्स पढ़ें, लेकिन पढ़ने की आदत डालें, पढ़ना सर्वश्रेष्ठ आदत है।

बच्चों ने पीएम से पूछा कि बिजली बचाने में बच्चे कैसे मदद कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली का संकट विश्वव्यापी है, इसलिए सबको मिलकर सो, बिजली बचानी ही होगी। बच्चे भी जिम्मेदारी लेना सीखें और जब घर से निकलें, याद से पंखा-बत्ती बंद करें। इसी तरह स्कूल से निकलते वक्त भी रोज एक बच्चा यह जिम्मेदारी ले कि वह सभी बत्तियां, पंखे बंद करके आखिर में निकलेगा।

इसके बाद बच्चों ने सवाल किया कि क्या उनकी सरकार रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने को सोच रही है, जिस पर मोदी ने कहा कि सारी दुनिया कौशल विकास पर ध्यान दे रही है और डिग्री के साथ-साथ कोई न कोई हुनर होना बेहद जरूरी है, इसलिए स्किल डेवलपमेंट के उद्देश्य से हमारी सरकार ने अलग विभाग भी बनाया है।

अंत में प्रधानमंत्री ने सभी बच्चों से आग्रह किया कि वे हमेशा मुस्कुराते रहें, खेलते-कूदते रहें और अपने भीतर के बच्चे को हमेशा ज़िन्दा रखें।



Thursday, August 7, 2014

RTET : ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती में गलत जवाब पर भी दे दिए नंबर

RTET  : ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती में गलत जवाब पर भी दे दिए नंबर

Grade 3rd Teacher Recruitment, Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan, RTET, 






ग्रेडथर्ड शिक्षक भर्ती-2012 सवालों के घेरे में गई हैं। आंसर-की जारी होने के बाद सामने आया है कि गलत जवाबों को सही बताकर रिजल्ट जारी कर नियुक्तियां दे दी गई। सैकंड लेवल के सामाजिक ज्ञान और गणित-विज्ञान के पेपर में छह-छह गलत सवाल सामने आए हैं। सीकर जिले में करीब 700 पदों के लिए परीक्षा हुई थी। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की आंसरशीट जांचने में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इसमें सही जवाब के बाद भी अभ्यर्थी को कम मार्क्स ही दिए गए हैं।

^शिक्षकभर्ती-2012 में गड़बड़ी पर अभ्यर्थी तथ्यों के साथ शिकायत कर सकता है। उसे पंचायतीराज विभाग को भेज दिया जाएगा। -इंद्रजीतसिंह,एसीईओ,जिला परिषद सीकर

^यदिकिस परीक्षार्थी को लगता है कि उसे सही जवाब के बाद भी कम मार्क्स मिले तो वह शिकायत करे। एक्सपर्ट्स कमेटी से जांच करवाई जाएगी। -जीके माथुर, उपनिदेशकएग्जाम, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर

बोर्ड एग्जाम

सही जवाब के बाद भी सिर्फ एक नंबर ही दिया

माध्यमिकशिक्षा बोर्ड भी उत्तर पुस्तिका जांचने में बड़ी लापरवाही बरत रहा है। सही जवाब के बाद भी अभ्यर्थियों को पूरे नंबर नहीं दिए जा रहे। खातीबास दांतारामगढ़ के रजत कुमार ने 12वीं की राजनीति विज्ञान की उत्तर पुस्तिका बोर्ड से मांगी तो वह हैरान रह गया। सही जवाब के बाद भी चार नंबर के सवाल के बाद भी उसे एक नंबर ही दिया गया था। उसका कहना है कि भारत का नक्शा देते हुए 1967 के विधानसभा चुनाव में हार-जीत वाले दो-दो राज्य पूछे गए थे। सही जवाब के बाद भी उसे एक ही नंबर दिया गया। छात्र के पिता मदनलाल का कहना है कि ज्यादातर सवालों में इसी तरह कम मार्क्स दिए गए है। बोर्ड की गलती की वजह से काबिल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होता है।

इन जवाबों को गलत बता रहे अभ्यर्थी

>सामाजिकज्ञान : पेपरमें 135 नंबर के सवाल में पूछा गया है कि खादर बांगर प्रकार हैω आंसर-की में सही जवाब भौतिक प्रदेश बताया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि बोर्ड की पुस्तक में सही जवाब मिट्टी को माना गया है। राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या के जवाब में सही उत्तर 245 बताया गया है। जबकि सही संख्या 250 है।

>विज्ञान-गणित: चेतककी याद में बनाए गए स्मारक को आंसर-की में चबूतरा बताया गया है। जबकि अभ्यर्थियों का सूजस किताब के आधार पर दावा है कि सही जवाब छतरी है। इसी तरह एक सवाल है कि बूंदी का

News Sabhaar : Bhaskar News (7.8.14) / Bhaskar News Network | Aug 07, 2014, 04:10AM IST

Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan, RTET : शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बडियां

Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan, RTET  : शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बडियां

Cheating / Mistakes in Teacher Recruitment Exam
Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan, RTET,




उदयपुर। जिला परिषद उदयपुर की ओर से आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में फिर गंभीर खामियां सामने आई हैं। वैसे इस परीक्षा के परिणामों के बाद से ही जिला परिषद पर परीक्षार्थियों को सूचना नहीं देने और बार-बार टरकाने के आरोप लगते रहे हैं मगर ऑनलाइन बुकलेट जारी होने के बाद खामियां खुल कर सामने आ गई हैं। कई परीक्षार्थी प्रश्नों के उत्तरों पर सवाल उठा रहे हैं तो कई ओएमआर शीट व बुकलेट नंबर बदलने की शिकायत कर रहे हैं मगर जिला परिषद में कोई उनकी बात सुनने तक को तैयार नहीं है। यहां तक कि परीक्षार्थियों की परिवेदनाएं लेने में भी अधिकारी व कर्मचारी ना-नुकुर कर रहे हैं। अब परीक्षार्थियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने और मामले को कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर ली है।

प्रश्न व उत्तर पुस्तिका अलग-अलग
एक महिला अभ्यर्थी भानू गोस्वामी ने बताया कि उनका परीक्षा केंद्र महावीर विद्या मंदिर सी.सै. स्कूल से.-13 था। वहां परीक्षा कक्षा में उन्हें व पांच अन्य छात्रों को अलग-अलग नंबरों वाली ओएमआरशीट व बुकलेट दी गई जबकि अन्य परीक्षार्थियों के नंबर एक जैसे थे। इस पर वीक्षकों ने दस मिनट रूकने को कहा। बाद में उसी बुकलेट व ओएमआरशीट के आधार पर परीक्षा देने की बात कही गई। परीक्षा के दो वर्ष बाद पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर ओएमआर शीट, प्रश्नपत्र व आंसर की जारी की है। इसमें प्रश्न पुस्तिका पर नंबर ही नहीं दिया गया है। इसके साथ ही आंसर की में कुल आठ प्रश्नों पर "स्टार" लगा है। इन प्रश्नों का क्या किया गया इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं किया गया है। भानू ने बताया कि बार-बार मिन्नतें करने के बाद बुधवार को प्रश्न पत्र, ओएमआरशीट व बुकलेट की फोटो कॉपी जिला परिषद में स्वीकार की गई। हालांकि कोई पावती नहीं दी गई व समस्या कब किस स्तर पर सुनी जाएगी यह नहीं बताया गया।

हर बार जयपुर का बहाना
अ भ्यर्थी भगवानसिंह, कैलाश जोशी, हरीश रावत, विकास, अनिल ने बताया कि परीक्षा को लेकर जिला परिषद का रवैया शुरू से ही टालमटोल का रहा है। सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देने के दो वर्ष बाद भी उन्हें अब तक न तो कॉपियां दिखाई गई हैं न ही उनकी प्रतिलिपी दी गई है। कार्यालय में भी सुनवाई नहीं होती व हर बार जयपुर से आदेश मिलने व दस्तावेज जयपुर भेजने का बहाना बनाया जाता है। उन्होंने भर्ती परीक्षा की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने और गड़बडियों पर अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। अभ्यर्थियों ने जिला परिषद में इस परीक्षा को लेकर "ग्रीवेंस" सेल बनाने की भी मांग की है। साथ ही बताया कि इस मसले पर वे उदयपुर में मुख्यमंत्री मिल कर वस्तुस्थिति सामने रखेंगे। जांच होने तक तक पदस्थापित शिक्षकों का स्थायीकरण नहीं किया जाए।


News Sabhaar : Rajasthan Patrika (7.8.14)



Tuesday, August 5, 2014

RPSC to conduct REET 2014 for recruiting Teachers

 RPSC to conduct REET 2014 for recruiting Teachers
REET, REET 2014
The Rajasthan Public Service Commission (RPSC) recently announced that it would conduct a Recruitment cum Eligibility Exam for Teachers (REET) to recruit teachers for third grade. REET is a new exam that is announced by the government of Rajasthan.

Eligibility:

Interested candidates who have a B Ed degree can apply for REET 2014.

Selection procedure:

Eligible applicants will be selected on the basis of their performance in the REET written examination and interview.

Application process:

The online application process for the exam is yet to commence. REET will be conducted from 2014 onwards.

Candidates who did not clear the Rajasthan Teachers Eligibility Test (RTET) or other teacher’s eligibility examinations can apply for REET 2014.  The RPSC will be announce the date of the REET 2014 Exam on its official website.

Interested candidates can click here to download the application form.

About RPSC:

The Rajasthan Public Service Commission (RPSC) is a premier commission of the government of Rajasthan, which organizes recruitment exams, procedures for recruiting employees, officers to various departments of the government.


Tags: Government jobs,Rajasthan Government,Rajasthan Public service Commission,REET,RPSC,RPSC REET,Teacher Recruitment


थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के नए नियमों से बीएडधारी असमंजस में

थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के नए नियमों से बीएडधारी असमंजस में




 

Grade 3rd Teacher Recruitment, Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan, RTET, 

Problem as per News : एनसीटीई की गाइडलाइन में आरटेट परीक्षा के बिना शिक्षक भर्ती कराई ही नहीं जा सकती हैं। ऐसे में सरकार ने आरटेट का नाम बदलकर युवाओं को गुमराह कर रही है तथा यह नहीं बताया कि भर्ती कौन से विभाग के माध्यम कितने पदों के लिए करवाई जाएगी।


अजीतगढ़| राज्यसरकार की ओर से बजट में थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए रिक्रूटमेंट कम टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट की घोषणा किए जाने से क्षेत्र के बीएड डिग्रीधारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है

बीएड स्टूडेंट राजेश शर्मा, अशोक मीणा, महेश, महेन्द्र आदि ने बताया कि सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए आरटेट को खत्म कर रीट की परीक्षा से कराए जाने की बात कही है।

संदेह के घेरे में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा

संदेह के घेरे में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा




 Tags : Grade 2nd Teacher Recruitment, Grade 2nd Teacher Recruitment Rajasthan, RTET,

अजमेर। लोकसेवा आयोग की एक और भर्ती परीक्षा संदेह के घेरे में है। आरएएस प्री पर्चा लीक मामले में बदनामी झेल रहे आयोग की द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में भी अनियमितता का मामला सामने आया है। शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में शनिवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के मुख्यालय में मामला दर्ज हुआ।

RTET थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती की खुली पोल, बेरोजगारों से छलावा

RTET थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती की खुली पोल, बेरोजगारों से छलावा





 

    
 
जयपुर। राजस्थान लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार के खुलासों के बीच प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए एक और झटका देने वाली खबर है। मामला जून, 12 में आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ा हुआ है।

परीक्षा परिणाम जारी होने के दो साल बाद अब इसकी उत्तर कुंजी और पेपर जारी किए गए हैं। इसमें पहली नजर में ही भारी गड़बडियां सामने आ रही हैं। कई सवाल ऎसे हैं जो कई जिलों के पेपर में दोहराए गए हैं

ऎसे सवालों का अलग-अलग जिलों में अलग-अलग उत्तर माना गया है। जाहिर है कि इस आधार पर उत्तरपुस्तिका की जांच होने से गलत उत्तरों के अंक दिए हैं। पंचायती राज विभाग ने वेबसाइट पर 30 जुलाई से 8 अगस्त तक के लिए सभी छात्रों की ओएमआर शीट, सभी विषयों के प्रश्नपत्र व आंसर की जारी की है।

गलतियों के परिणाम में 2700 हो चुके हैं बाहर, अब हकीकत आई सामने

TET is mandatory to become RTE Teacher - Smriti Irani

बगैर टी ई टी किये नहीं बन सकते  RTE शिक्षक  - केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी 
TET is mandatory to become RTE Teacher - Smriti Irani


Teachers who are appointed have to possess requisite qualification prescribed by the National Council for Teacher Education (NCTE) and pass the Teacher Eligibility Test (TET)





Over 600,000 primary teachers' posts lying vacant

Over 600,000 posts of teachers at primary level are lying vacant under the state sector and the national literacy mission, parliament was informed on Monday.

"The total teachers post lying vacant at the primary level both under the state sector and the Sarva Shiksha Abhiyan are 6, 06, 191," human resource development Minister Smriti Irani told the Rajya Sabha in a written reply.

"The states recruits teachers based on their recruitment rules. However, teachers who are appointed have to possess requisite qualification prescribed by the National Council for Teacher Education (NCTE) and pass the Teacher Eligibility Test (TET)," she added.
Irani said that the recruitment of teachers on contract basis therefore does not affect the quality of teaching adversely as all teachers recruited have to meet the educational qualification as well as professional qualifications.

"However, professional qualifications are sometimes relaxed under section 23 of the right of children to free and compulsory education (RTE) Act, 2009 for states where there is a shortage of professionally qualified teachers, with the provision that they acquire the same through a two year training programme in distance mode," she said.

Irani also informed that the pupil teacher ratio (PTR) has improved nationally to 1:25 and most states barring Bihar, Jharkhand and Uttar Pradesh have normative PTRs.

News : Times of India India Times (5.8.14)

Monday, August 4, 2014

Excess 30 Thousand Teacher Will Be Scrapped : तो खत्म हो जाएंगे शिक्षकों के 30 हजार पद

Excess 30 Thousand Teacher Will Be Scrapped : तो खत्म हो जाएंगे शिक्षकों के 30 हजार पद

    RPSC grade second teacher exam 2013 under suspicious संदेह के घेरे में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा






सीकर। प्रदेश में 50 हजार सरकारी शिक्षकों के पद जल्द ही खत्म हो सकते हैं। जिनमें करीब 30 हजार पद तृतीय श्रेणी व करीब 20 हजार पद प्रथम श्रेणी शिक्षकों के शामिल हैं।

दरअसल एकीकरण व समानीकरण को लेकर शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में सात जुलाई को हुई बैठक की कार्यवाही विवरण को उप शासन सचिव नसिरूद्दीन कुरैशी ने हालिया जारी किया है।

जिसके मुताबिक सरकारी स्कूल की कक्षा 11 व 12 में 120 या 160 नामांकन होने पर ही उसमे व्याख्याता (प्रथम श्रेणी शिक्षक) लगाए जाएंगे। साथ ही व्याख्याताओं को कक्षा छह से 10 तक की कक्षाओं में भी पढ़ाना होगा।

यदि यह व्यवस्था लागू होगी, तो प्रदेश में 50 हजार शिक्षकों की आवश्यकता ही खत्म हो जाएगी। ऎसे में माना जा रहा है कि गैर जरूरी होने पर भविष्य में स्कूल से ये पद सरप्लस हो जाएंगे।
 News Sabhaar : rajasthanpatrika patrika (04.08.14)



...तो होंगे 50 हजार शिक्षक होंगे सरप्लस

 ...तो होंगे 50 हजार शिक्षक होंगे सरप्लस

सीकर। प्रदेश में 50 हजार सरकारी शिक्षकों के पद जल्द ही खत्म हो सकते हैं। जिनमें करीब 30 हजार पद तृतीय श्रेणी व करीब 20 हजार पद प्रथम श्रेणी शिक्षकों के शामिल हैं।

दरअसल एकीकरण व समानीकरण को लेकर शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में सात जुलाई को हुई बैठक की कार्यवाही विवरण को उप शासन सचिव नसिरूद्दीन कुरैशी ने हालिया जारी किया है।

जिसके मुताबिक सरकारी स्कूल की कक्षा 11 व 12 में 120 या 160 नामांकन होने पर ही उसमे व्याख्याता (प्रथम श्रेणी शिक्षक) लगाए जाएंगे। साथ ही व्याख्याताओं को कक्षा छह से 10 तक की कक्षाओं में भी पढ़ाना होगा।

यदि यह व्यवस्था लागू होगी, तो प्रदेश में 50 हजार शिक्षकों की आवश्यकता ही खत्म हो जाएगी। ऎसे में माना जा रहा है कि गैर जरूरी होने पर भविष्य में स्कूल से ये पद सरप्लस हो जाएंगे।

news sabhaar : rajasthan patrika 4.8.14

LAND MARK DECISION OF COURT REGARDING TET EXAM

टी ई टी परीक्षा से सम्बंधित ऐतिहासिक निर्णय
HISTORICAL JUDGEMENT / VERDICT RELATED TO TET EXAM AS PER NCTE NROMS

 
LAND MARK DECISION OF COURT REGARDING TET EXAM

उत्तर प्रदेश इलाहबाद हाई कोर्ट की ट्रिपल बेंच का निर्णय : बगैर टी ई टी शिक्षक ( आर टी आई अधिनियम के तहत ) नहीं बन सकेंगे : 
TET Qualification is Mandatory to Become Teacher :-

http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2014/06/allahabad-highcourt-triple-bench-order.html

http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2014/06/the-most-important-judgement-of.html



***********************************

राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच का निर्णय : टेट 60 % ( 90 मार्क्स ) से कम होने पर शिक्षक पात्रता परीक्षा में अनुत्तीर्ण घोषित  : 

Less than 60% (90 Marks) TET marks is Declared Failed by Rajasthan High Court Chief Justice Bench

http://joinrtet.blogspot.in/2014/08/rajasthan-high-chourt-chief-justice_2.html


 ***************************

राजस्थान हाई कोर्ट की सिंगल  की बेंच का निर्णय : टेट 60 % ( 90 मार्क्स ) से कम होने पर आरक्षित वर्ग , सामान्य वर्ग की नौकरी नहीं पा सकेंगे :
 Less than 60% (90 Marks) TET marks Reserved Category Candidate will not come Under General Category Selection :

http://joinrtet.blogspot.in/2014/08/rajasthan-high-court-judgement.html



*************************
उत्तर प्रदेश इलाहबाद हाई कोर्ट की डबल  बेंच का निर्णय : 72825 शिक्षकों की टेट मेरिट से भर्ती

http://naukri-recruitment-result.blogspot.in/2013/11/final-decision-of-allahabad-highcourt_3142.html
 

Saturday, August 2, 2014

RAJASTHAN HIGH CHOURT CHIEF JUSTICE BENCH DECISION ON TET / and RECRUITMENT ON THE BASIS OF TET EXAM

RAJASTHAN HIGH CHOURT CHIEF JUSTICE BENCH DECISION ON TET / and RECRUITMENT ON THE BASIS OF TET EXAM




******************
Shocking and Amazing Decsion About Reservation Policy
Pehle Single Bench Ka Decsion Dekhen, Jismen TET Mein 60% Se Kam Marks Vaalon Ko GEN Cat Mein Nokri Prapt Karne Se Rok Diya
First See Single Bench Decision : http://rhccasestatus.raj.nic.in/smsrhcb/rhbcis/judfile.asp?ID=CW&nID=15152&yID=2011&doj=4/27/2012
http://rhccasestatus.raj.nic.in/smsrhcb/rhbcis/jtextfile.asp?ID=CW&nID=15152&yID=2011&doj=4/27/2012
****************

Uske Baad Rajastha High Court ke Chief Justice Kee Bench Ka Nirnay Dekhen :

Case No. SAW - 1580 of 2012 
http://rhccasestatus.raj.nic.in/smsrhcb/rhbcis/jtextfile.asp?ID=SAW&nID=1580&yID=2012&doj=7%2F2%2F2013 

Ismen TET 60% ( 90 Marks) se Kam Ank Prapt Karne Vaalon Ko Fail Declare Kar Diyaa
************************
Uske Baad Rajastha Govt Ne Supreme Court Mein SLP Dakhil Kee , Aur Baad Mein Use Vaapas Le Liyaa,

Aur Ant Mein TET 60% Marks Se Kam Vaalon Ko Fail Declare Kar Diyaa Gayaa
***********************


Rajasthan Highcourt Chief Justice Bench Decision, Rajasthan Highcourt,

*****************************
2013 mein TET KE SAMBANDH MEIN RAJASTHAN HIGH COURT KI CHIEF JUSTICE KEE BENCH DWARA DIYA GAYA NIRNAY.

RAJASTHAN HIGH COURT DECISION REGARDING TET EXAM AND RECRUITMENT ON THE BASIS OF THIS EXAM
*******************

****
कुछ समाचार में पढ़ा था की राजस्थान सरकार ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील फाइल करने का मन बनाया ,
लेकिन कुछ समय बाद विशेष अपील वापस ले ली 

Ab Sirf TET 60% Se Jyada Marks Vaale Hee Pass Ghoshit Kiye Gaye Hain
****

आरटेट 2011: हाईकोर्ट ने कहा 60% से कम वाले शिक्षक बनने योग्य नहीं





http://naukri-recruitment-result.blogspot.com
*********************
IMPORTANT PARTS OF JUDGEMENT
********************
NOTE: WE PUBLISHED HERE IMPORTANT PORTIONS OF JUDGEMENT.
IT IS ADVISED TO READ OFFICIAL AUTHENTIC COPY FOR BETTER UNDERSTANDNG.
***********

IN THE HIGH COURT OF JUDICATURE FOR
RAJASTHAN AT JAIPUR BENCH:JAIPUR
(1) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1484/2012
State of Rajasthan & Ors. vs. Vikas Kumar Agarwal &
Ors.
(2) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1329/2012
Hemlata Kanojia vs. State of Rajasthan & Ors.
(3) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1333/2012
Sunita Kumari vs. State of Rajasthan & Ors.
(4) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1470/2012
Mukesh Kumar Jitarwal & Ors. vs. State of Rajasthan &
Ors.
(5) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1476/2012
Vikas Sankhala & Ors. vs. State of Rajasthan & Ors.
(6) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1496/2012
Sumer Singh Rajawat & Ors. vs. State of Rajasthan &
 Ors.
(7) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1502/2012
Manju Kumari Meena vs. State of Rajasthan & Ors.
(8) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1512/2012
Mahesh Chand Nekela & Ors. vs. Vikas Kumar Agarwal &
Ors.
(9) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1518/2012
Smt. Mamta Kumari & Ors. vs. Vikas Kumar Agarwal &
Ors.
(10) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1532/2012
Babita vs. Vikas Kumar Agarwal & Ors.
(11) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1533/2012
Bhanwari Kharia vs. Vikas Kumar Agarwal & Ors.
(12) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1541/2012
Kuldeep Meena & Ors. vs. State of Rajasthan & Ors.
(13) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1542/2012
Shiv Raj Meena & Ors. vs. State of Rajasthan & Ors.
(14) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1556/2012
Mukesh Kumar Meena & Ors. vs. Vikas Kumar Agarwal &
Ors


(15) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1558/2012
Hari Singh Meena & Anr. vs. State of Rajasthan & Ors.
(16) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1567/2012
Manoj Kumari & Ors. vs. State of Rajasthan & Ors.
(17) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1573/2012
Ramesh Kumar Meena & Ors. vs. Vikas Kumar Agarwal &
Ors.
(18) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1575/2012
Rajesh Kumar Raigar & Anr. vs. Vikas Kumar Agarwal &
Ors.
(19) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1576/2012
Priyanka Sharma & Ors. vs. State of Rajasthan & Ors.
(20) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1580/2012
Bhanwar Lal Somarwal & Ors. vs. Vikas Kumar Agarwal &
Ors.
(21) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1597/2012
Anita Meena & Ors. vs. State of Rajasthan & Ors.
(22) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1615/2012
Reena Chourasia vs. State of Rajasthan & Ors.
(23) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1631/2012
State of Rajasthan & Anr. vs. Shimbhu Dayal Khateek &
Anr.
(24) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1633/2012
State of Rajasthan & Anr. vs. Mohit Dixit
(25) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1638/2012
Anil Kumar & Anr. vs. Vikas Kumar Agarwal & Ors.
(26) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1646/2012
State of Rajasthan & Ors. vs. Sunayna Dadich
(27) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1666/2012
State of Rajasthan & Ors. vs. Vijay Singh
(28) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.1667/2012
State of Rajasthan & Ors. vs. Sanwar Mal Rakshawat
(29) D.B. Civil Special Appeal (Writ) No.59/2013
Rakhi Sharma vs. State of Rajasthan & Ors


Date when the judgment
was reserved    ::-     29.3.2013
Date of pronouncement
of judgment       ::-              2.7.2013


PRESENT
Hon'ble the Chief Justice Mr.Amitava Roy
Hon'ble Mrs.Justice Nisha Gupta
Mr.S.N.Kumawat, AAG )
Mr.Tanveer Ahmed )
Mr.Raghunandan Sharma )
Mr.Kuldeep Aswal )
Mr.Anil Kumar Sharma )
for Rajendra Yadav )
Mr.R.D.Meena )
Mr.Aswani Chobisa )-for the appellants.
Mr.A.R.Meena )
Mr.Gajendra Sharma )
Mr.J.S.Rathore )
Mr.Rajendra Soni )
Mr.Vijay Poonia )
Mr.V.B.Srivastava )
Mr.Sanjay Srivastava )
Mr.Vigyan Shah )
Mr.Shantanu Sharma )
Mr.Anand Sharma ) -for the respondents.
Mr.V.K.Gupta )
JUDGMENT

----------------------------
Mukhya Ansha :

The answering
respondents iterated that the NCTE permitted and granted relaxation upto 5%  to the candidates belonging to reserved category qua the  qualifying marks in the academic qualification i.e.senior secondary or it
equivalent examination, graduation etc. only and that the said concession had no nexus at all with the pass marks to qualify the TET.




it was contended that relaxation upto 5% marks to the candidates belonging to the reserved category was with regard to the minimum marks specified in paragraph

(Iske Baad NCTE / RTE guidelines ke paragraph ka jikra hai )

it was not permissible for the State Government to grant relaxation beyond 5% in the qualifying marks for TET examination under the garb of Clause 9(a) of the guidelines dated 11.2.2011

---
Asserting that the notification dated 11.5.2011 adjusting the reserved category candidates, who had availed the benefit of relaxations in the qualifying marks, against the quota of the general
category candidate is patently illegal
, the petitioner has referred to circulars dated  17.6.1996, 4.3.2002 and 24.6.2008 of the Department of Personnel, Government of Rajasthan

--
The migration of the reserved category candidates benefited by the concession qua qualifying marks for passing the TET into the portion of the unreserved category candidate, has been repudiated thus to be illegal, arbitrary and discriminatory.
--

By an interim application, the petitioners have also brought on record the fact  that out of 40,000 posts of Teacher, only 20% candidates belonging to general category has been selected in view of the arbitrary and unallowable large scale relaxation granted to the candidates of reserved category in the qualifying marks for TET in gross violation of the NCTE guidelines resulting in induction of persons lower in merit thereby rendering the salutary and underlying objectives of the Act of 2009 nugatory.
---
relaxation ranging from 10% to 20% and thus, all pleas to the contrary are wholly untenable and are liable to be rejected in limine.

--
The learned counsel for the NCTE while adopting the arguments on behalf of the appellant-State referred to the Regulations of 2009 to justify   the   grant   of   5%   relaxation in the qualifying marks in the senior secondary/graduation examination. According to him, such relaxation not having been granted  in the notification dated 23.8.2010 laying down the minimum qualifications to be eligible for appointment as Teacher,  the same was permitted on representations being filed seeking such concession.
---

The learned counsel endorsed the   empowerment   of   the   State Government as per guidelines dated 11.2.2011 to grant concession to the reserved category candidates as per its extant reservation policy
----

Single Judge erred in dealing with the same while adjudicating the issues raised in the writ proceedings.

----

concession contemplated in the guidelines dated 11.2.2011  was distinctly different from that notification dated 29.7.2011 and operated in independent domains.

----
the relaxation in  the qualifying percentage of pass therein, is an apparent compromise with this salutary objective and thus, the concession ranging from 10% to 20% as accorded by the State Government is impermissible and invalid
---
Referring to the notification dated 29.7.2011, Mr.Shah emphatically urged that the  relaxation upto 5% in the qualifying marks did signify in no uncertain terms that no
candidate securing less than 55% marks could have been declared to have passed TET

------

He urged as well that the candidates, who had secured marks between 55% to 60% on availing such relaxation could not be accommodated against the seats identified for unreserved category, as the same, if permitted, would denote compromise on merit, a consequence extinctive of the cardinal objectives of the Act of 2009.

------
the reserved category candidates availing the benefit of concession in qualifying marks could not have been accommodated against the seats meant for open category candidates. The learned counsel urged in
this backdrop that the circular no.F.7(1)DOP/A-II/99 dated 11.5.2011 of the Department of Personnel,
Government of Rajasthan permitting such migration is non est or in the alternative, has a prospective effect and could not have been applied to the selection process in hand
.
-------

With the insertion of Article 21A in the Constitution of India by the Constitution (Eighty-sixth Amendment) Act, 2002 making it obligatory for the State to provide free and compulsory education to all children  of   the age of six to fourteen years, in  a manner, as prescribed by a statute law to the effect i.e. Act 2009 was enacted, to effectuate this ordainment of the National Charter.
-------
Section 23 thereof deals with qualifications for appointment and terms and  conditions of service of
teachers and endows the academic authority authorized by the Central Government by notification to prescribe the same, so as to be eligible for  appointment as such. That the NCTE is this academic  authority, as envisaged in Section 23(1) of the Act 2009, is a matter of record.


-----
The NCTE followed up this edict by a letter No.76- 4/2010/NCTE/Acad dated 11.2.2011 addressed to all the Secretaries and Commissioners of the State Governments/UTs, thereby circulating its guidelines for conducting the TET by the  appropriate Government, as required by its notification dated 23.8.2010.
------
While reiterating the mandate of a pass in the TET to be a norm of eligibility, rationale therefor was enumerated as hereunder:-
“(i) It would bring national standards and benchmark of teacher quality in the recruitment
process;
(ii) It would induce teacher education institutions and students from these institutions to further improve their performance standards;
(iii) It would send a positive signal to all stakeholders that the Government lays special
emphasis on teacher quality.” 

-------
“Qualifying marks.-
9. A person who scores 60% or more in the TET exam will be considered as TET pass. School
managements (Government, local bodies, government aided and unaided)
(a) may consider giving concessions to persons belonging to SC/ST, OBC, differently
abled persons, etc., in accordance with their extant reservation policy;
(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process; however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for appointment.”
The   above   extract   would   proclaim   that   in   terms   of the guidelines of the NCTE, a   candidate  who  would   score 60% or more in the TET,  would be construed to have
passed the same. Liberty was however, accorded to the School management (Government, local bodies, government aided and unaided) to grant concessions to the persons belonging to SC/ST,OBC, differently disabled etc., in accordance with their extant reservation policy.

 Clause 9(b) though, made it obligatory to provide weightage to the TET scores in the recruitment process clarified however, that a pass in the TET would not per se confer a right on any person for recruitment/employment, as such a pass was one of the eligibility criteria for appointment. Clause 9 of the guidelines thus, present the following salient features :-
(a) A candidate to pass the TET examination normally, has to score 60% or more;
(b) School managements (Government, locabodies, government aided and unaided) may grant
concessions to the persons belonging to SC/ST,OBC, differently abled persons etc., in accordance
with their extant reservation policy;
(c) weightage has to be given to the TET scores in the recruitment process;
(d) a pass in the TET examination would ipso facto not confer a right on any candidate for
recruitment/employment.
(e) a pass in the TET Examination was one of the eligibility criteria for appointment/recruitment as a
teacher.

---------

A candidate who thus, pass the TET would be eligible to participate in a process
of recruitment to the post of a teacher in both the levels, provided he/she is possessed of the academic
qualifications prescribed therefor and would further be entitled to weightage of the marks scored by him/her in the TET examination, if he/she passes the same.
-------------
While 60% or more marks was prescribed for a pass in the said test for the general category candidates, concessions to the   extent   as   set   out   in   the letter dated 23.3.2011, were accorded to the three classes of reserved category candidates mentioned therein

-----

In Item No.(ii) of this paragraph, under the caption “Reservation Policy”,   it   was   provided   that   relaxation   upto 5% in the qualifying marks would be allowed to the candidates belonging to  the reserved categories i.e.SC/ST/OBC/PH.
Whereas, the respondent-State insists that this relaxation is qua the minimum marks in the qualifying
examination of senior secondary/graduation etc
.
---
A cursory perusal of the contents of this quote would demonstrate that paragraph 3  of the notification dated 23.8.2010 dealt exclusively with the aspect of NCTE recognized 6-months Special Programme in Elementary Education by way of training of the persons with qualifications mentioned therein, after appointment. There was neither any comprehension nor any provision for reservation or relaxation of marks


***************************
Academic qualifications with minimum percentage of marks was
however, referred to.
In the amended paragraph 3, introduced by the notification dated 29.7.2011, apart from modified
academic qualifications with percentage of marks, relaxation upto 5% in the qualifying marks was provided for the candidates belonging to the reserved categories, such as SC/ST/OBC/PH. The texts of the two paragraphs of the notifications dated 23.8.2010 and 29.7.2011 when juxtaposed, in our estimate,  connote that the concession of 5% in the qualifying marks pertains to the percentage
of marks in the qualifying examination of Senior Secondary/Graduation etc

and not to the percentage of pass marks in TET

***********
clarifying that following the issuance of the notification dated 23.8.2010, it had received representations from   the   State   Government   and other stakeholders that in respect of SCs/STs etc.
relaxation upto 5% in the qualifying marks should be allowed, since such relaxation is permissible by the NCTE for admission in various  teacher education courses
.

**********

it was elucidated that following its meeting held on 16.3.2011 it was decided that relaxation upto 5% in such qualifying marks would be available to SCs/STs etc., in accordance with the extant policy of the State Government /UTs and other school managements. There is no reference of such relaxation to pass marks in the TET.
*************
Relaxation upto 5% in the qualifying marks in the amended paragraph 3 of the notification dated 23.8.2010, in our comprehension, is thus wholly unrelated to the percentage of pass marks in the TET.
**********
The notification dated 29.7.2011 having regard to the scheme and purport thereof has to be essentially co-related with the one dated 23.8.2010,
which originally did not contemplate any relaxation.
Logically, thus, this notification does not supersede the guidelines dated 11.2.2011 governing the conduct of the TET.
***********
relaxation referred to therein does not relate to the percentage of marks to be secured in the TET to pass the same, cannot be construed to be in supersession either of the guidelinesdated 11.2.2011 or the letter dated 23.3.2011 of the
State Government
.


**********************************
क्या था राजस्थान हाई कोर्ट की सिंगल बेंच का निर्णय 
What was the decision of Rajasthan High Court Single Bench about Reservation Policy :

In view of the discussion made above, all these writ petitions are partly allowed  with the following directions -

1.    The circular dated 11.5.2011 would not be applicable to the present selection in view of the judgment in the case of K.Manjusree (supra), wherein, it was held that rules of game cannot be changed in the midst of selection  thus respondents are directed to make appointment without applying  circular dated 11.5.2011 in the present matter as initiation of recruitment is prior to the circular dated 11.5.2011 so as the advertisement. The migration of reserve category candidates to open/ general category  can be permitted as per earlier circular dated 24.6.2008 and Standing Order applicable to present selection and not as per circular issued on 11.5.2011 as it is much subsequent to the advertisement and not given retrospective effect.

2.    The circular dated 11.5.2011 provides for migration of reserve category candidates to open/ general category  in the case where the candidates have taken special concession. The aforesaid circular needs to be given proper interpretation. It would be applicable in the case where reserve category candidates have taken benefit of concession of fee and relaxation in age. In those cases, one would be allowed to migrate to open/general category if obtained equal or more marks to the last candidate in open/general category. In case of any other concession or relaxation during the process of selection by reserve category candidate, he would not be allowed to migrate to open/general category as the 'level playing field' during the course of selection does not remain the same. Thus, respondents are directed to implement  circular dated 11.5.2011 in the light of the directions given above but it would not be applicable to this selection as indicated in the first para of directions.


See Details Here :http://joinrtet.blogspot.in/2014/08/rajasthan-high-court-judgement.html