तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती - HC ने अंतरिम रोक लगा दी
(RTET - Rajasthan Highcourt : Intrim Stay on Recruitment of Grade IIIrd Teacher Recruitment)
जोधपुर। जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती पर उच्च न्यायालय ने शनिवार को अंतरिम रोक लगा दी। न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने शिक्षक भर्ती व टेट के संबंध में जोधपुर जिले के देवीसिंह सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए स्व-प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर यह आदेश पारित किया।
बन जाएगी असमानता की स्थिति
व्यास ने कठोर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह सरकार बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। जिला स्तर की भर्ती में कई योग्य अभ्यर्थी सीमित दायरे में बंध जाएंगे। हर जिले की अलग वरीयता सूची बनेगी और किसी एक जिले में आवेदन करने वाला अभ्यर्थी दूसरे जिले में नियुक्ति भी नहीं पा सकेगा। ऎसे में बड़ी असमानता की स्थिति बन जाएगी। इस पर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाघिवक्ता जीआर पूनिया का कहना था कि पंचायत राज नियमों में संशोधन के बाद यह व्यवस्था कायम की गई है। इससे पंचायत राज को मजबूती मिलेगी। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को भी उचित ठहराया, लेकिन हाईकोर्ट उनकी दलीलों से सहमत नहीं हुआ।
न्यायाधीश व्यास ने एक ही जिले के पदों के लिए आवेदन करने की बाध्यता को संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के प्रावधानों के विपरीत मानते हुए राज्य के सभी जिलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की चयन प्रक्रिया 13 मार्च तक स्थगित कर दी। साथ ही राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता देवीसिंह एवं अन्य की ओर से अघिवक्ता कैलाश जांगिड़ व हरीश जांगिड़ ने दलील दी कि तृतीय श्रेणी शिक्षक के लिए टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण होना जरूरी है, लेकिन 30 मार्च 2011 के बाद अभी तक आर-टेट आयोजित नहीं हुआ। ऎसे में कई बीएड व बीएसटीसी योग्यताधारी इस भर्ती में शामिल नहीं हो पा रहे। राज्य के करीब छह लाख अभ्यर्थी इससे प्रभावित होंगे।
याचिकाकर्ताओं ने आर टेट-2012 के आयोजन से पहले उन्हें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अस्थायी रूप से शामिल करने की गुहार लगाई। वहीं, एक अन्य याचिका में अघिवक्ता सुकेश भाटी ने टेट परीक्षा की उत्तर-तालिका (आंसर-शीट) को चुनौती दी। उनका कहना था कि गलत आंसर-शीट से प्रश्नपत्रों की जांच किए जाने के कारण याचिकाकर्ता किशनसिंह टेट उत्तीर्ण नहीं कर पाया। इन मामलों की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश व्यास ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जिलेवार भर्ती पर रोक लगा दी।
(RTET - Rajasthan Highcourt : Intrim Stay on Recruitment of Grade IIIrd Teacher Recruitment)
जोधपुर। जिला परिषदों के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती पर उच्च न्यायालय ने शनिवार को अंतरिम रोक लगा दी। न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने शिक्षक भर्ती व टेट के संबंध में जोधपुर जिले के देवीसिंह सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए स्व-प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर यह आदेश पारित किया।
बन जाएगी असमानता की स्थिति
व्यास ने कठोर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह सरकार बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। जिला स्तर की भर्ती में कई योग्य अभ्यर्थी सीमित दायरे में बंध जाएंगे। हर जिले की अलग वरीयता सूची बनेगी और किसी एक जिले में आवेदन करने वाला अभ्यर्थी दूसरे जिले में नियुक्ति भी नहीं पा सकेगा। ऎसे में बड़ी असमानता की स्थिति बन जाएगी। इस पर राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाघिवक्ता जीआर पूनिया का कहना था कि पंचायत राज नियमों में संशोधन के बाद यह व्यवस्था कायम की गई है। इससे पंचायत राज को मजबूती मिलेगी। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को भी उचित ठहराया, लेकिन हाईकोर्ट उनकी दलीलों से सहमत नहीं हुआ।
न्यायाधीश व्यास ने एक ही जिले के पदों के लिए आवेदन करने की बाध्यता को संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के प्रावधानों के विपरीत मानते हुए राज्य के सभी जिलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की चयन प्रक्रिया 13 मार्च तक स्थगित कर दी। साथ ही राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
याचिकाकर्ता देवीसिंह एवं अन्य की ओर से अघिवक्ता कैलाश जांगिड़ व हरीश जांगिड़ ने दलील दी कि तृतीय श्रेणी शिक्षक के लिए टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण होना जरूरी है, लेकिन 30 मार्च 2011 के बाद अभी तक आर-टेट आयोजित नहीं हुआ। ऎसे में कई बीएड व बीएसटीसी योग्यताधारी इस भर्ती में शामिल नहीं हो पा रहे। राज्य के करीब छह लाख अभ्यर्थी इससे प्रभावित होंगे।
याचिकाकर्ताओं ने आर टेट-2012 के आयोजन से पहले उन्हें शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अस्थायी रूप से शामिल करने की गुहार लगाई। वहीं, एक अन्य याचिका में अघिवक्ता सुकेश भाटी ने टेट परीक्षा की उत्तर-तालिका (आंसर-शीट) को चुनौती दी। उनका कहना था कि गलत आंसर-शीट से प्रश्नपत्रों की जांच किए जाने के कारण याचिकाकर्ता किशनसिंह टेट उत्तीर्ण नहीं कर पाया। इन मामलों की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश व्यास ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जिलेवार भर्ती पर रोक लगा दी।
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