Monday, December 22, 2014

बाहरी अभ्यर्थी को आरक्षण का फायदा दे किया चयनित जेएनवीयू शिक्षक भर्ती घोटाला : आरटीआई से हुआ नया खुलासा बाहरी अभ्यर्थी को आरक्षण का फायदा दे किया चयनित जेएनवीयू शिक्षक भर्ती घोटाला : आरटीआई से हुआ नया खुलासा

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बाहरी अभ्यर्थी को आरक्षण का फायदा दे किया चयनित जेएनवीयू शिक्षक भर्ती घोटाला : आरटीआई से हुआ नया खुलासा

 17 December 2014

जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में नया खुलासा हुआ है। विवि ने भर्ती में आरक्षण नीति के नियमों को धता बता दिया।

आरक्षण नियमों के अनुसार प्रदेश से बाहर के अभ्यर्थी चाहे किसी वर्ग का हो, उसे सामान्य श्रेणी में ही माना जाता है, लेकिन विवि ने राज्य से बाहर के एक अभ्यर्थी को आरक्षण का फायदा देते हुए उसका चयन कर लिया।

मामला विवि के संगीत विभाग से जुड़ा हुआ है। विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद चयनित अभ्यर्थी सुरेन्द्र कुमार मूलत: बिहार के है। सुरेन्द्र कुमार ने यहां एससी वर्ग में आवेदन किया था। आरटीआई कार्यकर्ता नंदलाल व्यास ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी।

आरटीआई में विवि की ओर से प्राप्त दस्तावेजों में सुरेन्द्र कुमार का जाति प्रमाण पत्र बिहार के जिला कैमूर (भभुआ) का है। विवि प्रशासन ने बिहार में बने जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक भर्ती में आरक्षण का फायदा दे दिया।

जोकि नियमानुसार गलत है। नियमानुसार आरक्षण का फायदा अभ्यर्थी को स्वयं गृह राज्य (होम स्टेट) में मिलता है, न कि दूसरे राज्य में। दूसरे राज्य के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को भर्ती के दौरान सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी की तरह माना जाता है।

आवेदन ही होना चाहिए था खारिज
विवि की लापरवाही आवेदनों की छंटनी के समय रही। सुरेन्द्र कुमार का आवेदन प्रारंभिक दौर की छंटनी में ही खारिज हो जाना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने सामान्य वर्ग के निर्घारित शुल्क 500 रूपए का डिमांड ड्राफ्ट नहीं लगाकर एससी, एसटी व पीएच वर्ग के 250 रूपए का डिमांड ड्रॉफ्ट लगाया। जबकि अन्य प्रदेश से बाहर के अन्य कई आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने आवेदन के साथ 500 रूपए का ही डिमांड ड्रॉफ्ट लगाया।

बाहर के अभ्यर्थी को सामान्य ही माना जाएगा
राजस्थान के बाहर के आरक्षित अभ्यर्थी को प्रदेश में सामान्य वर्ग का माना जाता है। आरपीएससी में होने वाली भर्ती में इसी नियम की पालना की जाती है।
एन.के.ठकराल, सचिव, आरपीएससी

आरक्षण का फायदा गृह राज्य में ही मिलता है, न कि दूसरे राज्य में। प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थियों भर्तियों में सामान्य वर्ग का ही माना जाता है और सामान्य वर्ग की फीस जमा कराकर ही उन्हें आवेदन करना पड़ता है।
अनिल व्यास, उपनिदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

हां, मेरा एससी वर्ग में ही चयन हुआ है
मैंने एससी वर्ग में ही आवेदन किया था और एससी वर्ग में ही मेरा चयन हुआ है। मैंने आवेदन के साथ 250 रूपए का डिमांड ड्रॉफ्ट लगाया था।
सुरेन्द्र कुमार, अस्सिटेंट प्रोफेसर, म्यूजिक विभाग जेएनवीयू

विवि में हुई शिक्षक भर्ती मेरे पदभार ग्रहण करने से पहले का है। इस बारे में मुझे जानकारी नही हैं।
जीएस चारण, कुलसचिव, जेएनवीयू -

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