RTET / Rajasthan Highcourt : बीएड अभ्यर्थियों को वंचित करने की कट ऑफ डेट कहां से आई ?
हाईकोर्ट ने नेशनल कौंसिल ऑफ टीचर्स एजूकेशन (एनसीटीई) से किया जवाब तलब
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में बीएड के साथ टैट उत्तीर्ण योग्यताधारियों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रथम स्तर में शामिल नहीं करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई लगातार दूसरे रोज गुरूवार को न्यायाधीश गोविंद माथुर की पीठ में जारी रही।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए डॉ. पुष्पेंन्द्र सिंह भाटी और अन्य अधिवक्ताओं ने कहा कि बीएड के साथ टैट की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को फरवरी माह में जारी किए गए प्रमाण पत्रों में लिखा हुआ था कि वे प्राथमिक स्तर की कक्षाओं को पढ़ाने के लिए अगले सात वर्ष तक के लिए योग्य है। लेकिन अब भर्ती परीक्षा में इसके लिए कट ऑफ डेट जनवरी 2012 बताया जा रहा है।
अधिवक्ताओं ने पूछा कि यह कट ऑफ डेट कहां से आई जिसने शैक्षणिक योग्य अभ्यर्थियों को सिर्फ इसलिए अयोग्य घोषित कर दिया कि उन्होंने किसी तिथि विशेष के बाद योग्यता धारण की है।
न्यायाधीश माथुर ने इस पर अदालत में मौजूद एनसीटीई के अधिवक्ता कुलदीप माथुर से मामले की अगली सुनवाई पर 11 मई तक जवाब पेश करने को कहा। न्यायालय ने कहा कि बीएड टेटधारी अभ्यर्थियों की योग्यता निर्धारण करने वाली कट ऑफ डेट का निर्धारण कैसे किया गया।
News : Bhaskar.com (3.5.12)
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