Thursday, September 27, 2012

शिक्षक भर्ती: RPSC का ये कैसा खेल, अभ्यर्थियों ने मांगी तो नष्ट कर दीं OMR शीटें


शिक्षक भर्ती:  RPSC का ये कैसा खेल, अभ्यर्थियों ने मांगी तो नष्ट कर दीं OMR शीटें




जयपुर.राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती (सामाजिक विज्ञान) के तीन लाख नौ हजार अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं नष्ट कर इस परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने 5 सितंबर को ही आरपीएससी को दिशा-निर्देश दिए थे कि अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट दिखाई जाए। इसके बावजूद आरपीएससी ने 11 सितंबर को सभी ओएमआर शीट नष्ट कर दी।


9 दिन बाद 20 सितंबर को कम्प्यूटर में इंद्राज रिकॉर्ड के अनुसार संशोधित परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस परीक्षा में धांधली हुई है। इस वजह से हाईकोर्ट के निर्देशों को नजर अंदाज करते हुए लाखों ओएमआर शीट नष्ट की गई। अभ्यर्थियों का कहना है कि ऐसी क्या नौबत आ गई थी कि संशोधित परीक्षा परिणाम के नौ दिन पहले ही ओएमआर शीट नष्ट करनी पड़ी।


कोर्ट के आदेश की पालना होनी ही चाहिए थी


अगर कोर्ट ने ओएमआर शीट दिखाने के दिशा निर्देश दिए थे और उसके बावजूद आरपीएससी ने उन्हें नष्ट कर दिया तो गलत हुआ है। सवाल उठता है कि आरपीएससी के अधिकारी क्या कर रहे थे? आदेश का पालन कराना उनकी ड्यूटी थी। शायद ऐसा कम्युनिकेशन गैप के कारण हुआ है।


-जे.एम.खान, पूर्व अध्यक्ष आरपीएससी


शुरू से ही विवादों में रही परीक्षा


दिसंबर 2011 में सामाजिक विज्ञान की 2,373 सीटों के लिए द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा हुई थी। इनका परिणाम 6 मार्च को जारी हुआ। सामान्य ज्ञान विषय के प्रश्न-पत्र प्रथम और द्वितीय में 11 प्रश्नों पर विवाद हुआ। दरअसल आरपीएससी ने जो उत्तर दर्शाए थे, वे गलत थे। इस मामले को लेकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट में गए।


हाईकोर्ट ने एक फैसले में निर्णय दिया कि आरपीएससी इस मामले में एक एक्सपर्ट कमेटी के माध्यम से मामले का समाधान कराए। कमेटी ने आरपीएससी की आंसर-की में आठ उत्तर को गलत ठहराते हुए आठ प्रश्न डिलीट करने का फैसला किया। इसके बाद 20 सितंबर को संशोधित परीक्षा परिणाम जारी किया। इससे वरीयता सूची से 197 अभ्यर्थी बाहर हो गए। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब पूरे प्रकरण पर विवाद था तो ओएमआर शीट नष्ट करना आरपीएससी का गलत निर्णय है।


भीग गईं थी शीटें


'जहां ओएमआर शीट रखी थी वहां पर बरसाती पानी भर गया था। कुछ शीट खराब हो गई थी। नियमानुसार परिणाम के तीन माह बाद उत्तर पुस्तिकाएं नष्ट की जा सकती हैं। मार्च में परिणाम घोषित हुआ था। इसके आधार पर हमें उत्तर पुस्तिका नष्ट करने का हक है।'
- आर.एल.सोलंकी, उप सचिव, आरपीएससी


कोई दोषी हुआ तो कार्रवाई करेंगे


'यह मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है। रिपोर्ट लेकर ही कुछ कह सकूंगा। दोषी व्यक्ति के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।'


News Source : Bhaskar.com (27.9.12)
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News Analysis : Really in India Government jobs is a BIG PROBLEM. 
Corruption / Reservation etc. all for this Government Job. As Govt. job made a person life socially secured.
Leaves / Salary etc. are very good in Govt. sector with low accountability.

Even people don't want to prefer their child to study in Government Schools, But job they like is Government Job.

All examinations / interviews should be conduct with full transparency. Even examination should be conducted for those already in Govt. sector as many people in India entered in Govt. Job through cheating / bribes and transparency in selection is very less .Even Videography should take place in  interviews. And all these selection details should be uploaded on Govt. website. 
After all SALARY comes through PUBLIC  money. Therefore Govt. employees should be accountable to public.

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