Thursday, September 13, 2012

RTET : शिक्षक भर्ती के नए नियम, जिंदगी भर गांव में ही करनी होगी नौकरी!

RTET : शिक्षक भर्ती के नए नियम, जिंदगी भर गांव में ही करनी होगी नौकरी!


Grade 3rd Teacher Recruitment News -
कोटा.पंचायतीराज विभाग में अभी भर्ती हो रहे शिक्षकों को अब जिंदगीभर गांवों में ही सेवाएं देनी होंगी। वे चाहकर भी कभी शहर में स्थानांतरण नहीं करा सकेंगे। सरकारी आदेश भी इसमें असर नहीं डाल पाएंगे। पहले पांच साल तो वे एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण भी नहीं करा सकेंगे। 
पंचायतीराज के तहत अभी लेवल एक व लेवल दो की शिक्षक भर्ती हो रही हैं। यह सभी शिक्षक पंचायतीराज के अधीन होने से इन सभी को ग्रामीण क्षेत्र में ही अपनी सेवाएं देनी होंगी। उन्हें शहर में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
नहीं आ सकेंगे शहर में
जिला परिषद के सीईओ पीसी पवन के अनुसार पंचायतीराज विभाग के आदेश जारी हो चुके हैं। जिन शिक्षकों को नियुक्ति दी जा रही है, वे ग्रामीण क्षेत्र में ही रहेंगे। वे प्रयास करके भी शहर में नहीं आ सकेंगे। हालांकि, वे शहर के आसपास के गांव में अपना स्थानांतरण करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि नियुक्ति के पांच साल तक तो उनका स्थानांतरण भी नहीं हो पाएगा। इसका नियमों में प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि स्थानांतरण के मामले में जीओ (सरकारी आदेश) भी मान्य नहीं होंगे।
मेडिकल व पुलिस का सत्यापन जरूरी 
जिन शिक्षकों को नियुक्तिपत्र जारी किया गया है, उन्हें अपनी ज्वॉइनिंग पर मेडिकल फिटनेस व पुलिस का चरित्र प्रमाणपत्र भी देना होगा। यह प्रमाणपत्र अभी नहीं मांगा गया था। इसके साथ ही उनका दो साल का प्रोबेशनरी पीरियड रहेगा। इस दौरान उन्हें वेतन भी 8950 रुपए प्रतिमाह फिक्स मिलेगा।
आदेश का विरोध किया जाएगा
'सरकार के इस प्रकार के आदेश गलत है। पहले तो पांच साल का ही नियम था, इसे यदि जिंदगी भर के लिए कर दिया गया है तो विरोध किया जाएगा। वैसे अभी इस नियम की जानकारी मुझे नहीं मिली है। इसकी जानकारी लेने के बाद विरोध किया जाएगा। सरकार कैसे किसी को जिंदगी भर ग्रामीण क्षेत्र में रख सकती है।'
सत्येन्द्र चांदना, प्रदेशाध्यक्ष, पंचायतीराज शिक्षक संघ


News Source : Bhaskar.com (11.09.12)
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Why high expectations are from Young Generation.
Many of youths in India are doing contractual job. And those who are permanent and in the age 50-60 are getting very high pay less work.

Why such expectations are not from senior teachers/ employees.
In India there is huge Unemployment, And where youths can impart efficiency as they are having extra knowledge of computers / electronic gadgets and in terms of health ( less leaves, less family problems etc. etc.) they are better than old age employees.

 I am not saying , we should snatch income from senior employees but I am saying a lot of injustice happens with young age employees like engaging in contractual jobs wit less pay etc.

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