Wednesday, July 3, 2013

RTET : आरटेट २०११ का रिजल्ट रद्द, फिर से बनेगी शिक्षकों की चयन सूची


RTET : आरटेट २०११ का रिजल्ट रद्द, फिर से बनेगी शिक्षकों की चयन सूची


Biggest And Shocking News - About NCTE Guidelines

According to Court 5% relaxation in marks is for Education Qualification to Appear in TET.
There is no provision in NCTE specifide TET that below 60% marks are Qualified / Passed.

If this is true then its impact can be on entire selection process that is going to happen in India.

RTET / Rajasthan Teacher Eligibility Test News :


हाईकोर्ट ने आरटेट मे 60 प्रतिशत से कम अंक वालों को फेल बताया


जयपुर त्न हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आरटेट 2011 के परिणाम को रद्द करते हुए दुबारा परिणाम जारी करने तथा इस आधार पर हुई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की चयन सूची दुबारा बनाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने आरटेट 2011 में आरक्षित वर्ग को न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट देने तथा साठ प्रतिशत से कम अंक वालों को शिक्षक भर्ती के योग्य मानने को गलत ठहराते हुए यह आदेश दिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरक्षित वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो फीस के अलावा अन्य कोई छूट लेकर सामान्य वर्ग में चयनित हुए हैं, उन्हें चयन से बाहर किया जाए। मुख्य न्यायाधीश अमिताभ रॉय व न्यायाधीश निशा गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश देते हुए राज्य सरकार व 28 अन्य की अपीलों को खारिज कर दिया।

अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों में दी गई दस से बीस प्रतिशत अंकों की छूट गलत है, जबकि एनसीटीई के नियमानुसार आरटेट में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम ६०' अंक लाना जरूरी था। राज्य सरकार ने अपने जवाब में स्पष्ट किया कि आरक्षित वर्ग को जिस पांच प्रतिशत छूट की बात कही है वह टेट में शामिल होने के लिए शैक्षणिक योग्यता में छूट थी न कि टेट के न्यूनतम प्राप्तांक में। ऐसे में स्पष्ट है कि आरटेट में न्यूनतम प्राप्तांकों में छूट का कोई प्रावधान नहीं था

आगे क्या?

आरटेट-2011 के संबंध में कोर्ट मेें मामला लंबित होने से आरटेट-2012 का परिणाम भी अटका है। यह परीक्षा 9 सितंबर 2012 को हुई थी और इसमें 5.25 लाख अभ्यर्थी बैठे थे। सरकार अगर सुप्रीम कोर्ट नहीं जाती तो इसका रिजल्ट जारी हो जाएगा, नहीं तो यह अटका ही रहेगा। इसी रिजल्ट के आधार पर 30,000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती भी होनी है। यानी भर्ती भी अटक गई। अगर भर्ती की भी जाती है तो आरटेट-2012 में शामिल हुए अभ्यर्थी इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे।

5.25 लाख युवाओं में से उत्तीर्ण होने वाले
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के कुल पद 39,544
योग्य आवेदक ६४८९९८
२ जून, २०१२ को परीक्षा दी
ज्वाइनिंग की 35,000 ने
60' से कम अंक वाले करीब ४,००० अभ्यर्थी

सैकंड लेवल
2,16,723
सैकंड लेवल
5,14,594
सैकंड लेवल (कक्षा ६ से ८)
28,935

नियुक्ति में देरी व कोर्ट की रोक से शेष चयनित अभ्यर्थी ज्वाइन नहीं कर पाए।

फस्र्ट लेवल
49,115
फस्र्ट लेवल
1,34,404
फस्र्ट लेवल (कक्षा 1 से ५)
10,609

सरकार ने अंकों में छूट देकर कर दी ४० हजार भर्तियां

एकलपीठ ने भी अयोग्य माना था
एकलपीठ ने 6 अक्टूबर 2012 के आदेश से आरटेट में 55 प्रतिशत से कम अंक धारकों को तृतीय श्रेणी शिक्षक के अयोग्य मानते हुए सरकार को उन्हें नियुक्ति देने से मना किया था। एकलपीठ ने तीन महीने में नई चयन सूची बनाने के भी निर्देश दिए थे। इन्हीं आदेशों को राज्य सरकार व अन्य ने खंडपीठ में चुनौती दी थी

२०' तक अंकों की छूट दे दी थी
एनसीटीई ने 23 अगस्त, 2010 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए टेट का प्रावधान किया। टेट उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम प्राप्तांक 60' तय किए। सरकार ने 23 मार्च, 2011 के आदेश से आरक्षित वर्ग सहित अन्य को आरटेट पास करने के लिए 10, 15 व 20' अंकों की छूट दे दी, जबकि सरकार केवल मौजूदा आरक्षण नीति के तहत ही अंकों की छूट दे सकती थी। इसके अलावा तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में सरकार व जिला परिषदों ने टेट के न्यूनतम प्राप्तांकों में ५' से ज्यादा छूट दे दी और ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति के योग्य माना। इसे विकास कुमार अग्रवाल व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि आरक्षित वर्गों को छूट देने के कारण उनका चयन हो गया, जो गलत है। पैरवी अधिवक्ता विज्ञान शाह ने की



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