Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthan : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012: राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस
APP Recruitment Cancelledजोधपुर/पाली। राजस्थान उच्च न्यायालय ने पंचायतीराज विभाग की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012 को लेकर राज्य सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। तीन सप्ताह में न्यायालय ने जवाब मांगा है कि क्यों नहीं परीक्षा द्वारा पूरी की गई चयन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया जाए।
जस्टिस गोविंद माथुर ने शुक्रवार को इस मामले में दायर एक रिट की सुनवाई के बाद यह नोटिस जारी किए। पाली निवासी अभ्यर्थी बृजपाल सिंह चारण ने एडवोकेट पीपी चौधरी के मध्यम से हाईकोर्ट में रिट दायर कर प्रार्थना की थी कि पंचायतीराज विभाग द्वारा आयोजित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में परीक्षा से लेकर संशोधित रिजल्ट जारी करने तक धांधलियां हुई हैं। लिहाजा चयन प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।
प्रार्थी की ओर से सीनियर एडवोकेट पीपी चौधरी, एडवोकेट कुलदीप माथुर व अंकुर माथुर ने आग्र्यूमेंट किए। चौधरी ने बताया कि सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने आयुक्त व शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, सीईओ जिला परिषद पाली व अन्य नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई19 नवंबर को होगी।
रिट में कहा- हर स्तर पर हुई गड़बड़ी, न कोर्ट के आदेश माने, न नियमों का पालन किया
मामले में आग्र्यूमेंट के लिए सीनियर एडवोकेट पीपी चौधरी उपस्थित हुए। उन्होंने भास्कर की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि 2 जून 2012 को हुई परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों से प्रश्नपत्र वापस लेने के साथ ही यह चयन प्रक्रिया संदेह के दायरे में आ गई थी। इसके बाद न आंसर शीट जारी की गई।
अभ्यर्थियों को आरटीआई में भी आंसर शीट नहीं दिखाई गई। जो अभ्यर्थी हाईकोर्ट का आदेश लेकर पहुंचे उन्हें भी आंसर शीट की कॉपी नहीं दी गई। इसके बाद कई जिलों में दो-दो बार संशोधित रिजल्ट जारी किए गए। इनमें बड़े स्तर पर गड़बडिय़ां हुईं। टेट में फेल अभ्यर्थियों को भी नियुक्तियां दे दी गईं। अभ्यर्थियों के सवाल सही होने पर उन्हें गलत जांचा गया। एक्सपर्ट कमेटी के निर्णय भी संदेहास्पद हैं। संशोधित परिणाम के बाद बड़ी संख्या में नए अभ्यर्थियों को नौकरी मिली जबकि कई अभ्यर्थी मेरिट से बाहर हो गए। लिहाजा परीक्षा से लेकर पूरी चयन प्रक्रिया में गड़बडिय़ां हैं।
भास्कर ने उठाया था मुद्दा
दैनिक भास्कर ने सबसे पहले 5 अक्टूबर को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012 में बड़े स्तर पर हुई गड़बडिय़ों का खुलासा किया था। इसके बाद 6, 7, और 21 अक्टूबर को सिलसिलेवार तथ्यात्मक खबरें प्रकाशित की थीं। न्यायालय में इन सभी खबरों की कटिंग रिट के साथ प्रस्तुत की गई है।
उधर, हाईकोर्ट ने रद्द की एपीपी भर्ती
हाईकोर्ट ने सहायक लोक अभियोजक (एपीपी) के 159 पदों की भर्ती धांधली के कारण रद्द करते हुए प्रक्रिया नए सिरे से कराने का निर्देश दिया है। अदालत ने आरपीएससी की कार्यशैली पर अफसोस जताते हुए कहा कि वह परीक्षा की पवित्रता व पारदर्शिता को बनाए रखने में विफल रहा है। हालत ऐसी है
कि आरपीएससी के अधिकतर मामले कोर्ट में आने की परंपरा सी बन गई है। मुख्य न्यायाधीश अमिताभ रॉय व न्यायाधीश वीएस सिराधना की खंडपीठ ने यह आदेश कमलेश शर्मा व अन्य की अपील को स्वीकार करते हुए और राज्य सरकार व आरपीएससी की अपील को खारिज करते हुए दिया।
खंडपीठ ने एकलपीठ द्वारा 2 फरवरी 2013 की अंतिम चयन सूची को निरस्त करने के आदेश को सही माना। साथ ही एकलपीठ की उस राय को सही माना जिसमें एपीपी की भर्ती साक्षात्कार से करने की बजाय लिखित परीक्षा के जरिए करने के लिए कहा गया था।
सरकार, आरपीएससी व कमलेश शर्मा ने अपील में एकलपीठ के 31 मई 2013 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें 2 फरवरी 2013 की चयन सूची को निरस्त करते हुए प्रश्न संख्या 13, 18, 25 व 23 को हटाने और प्रश्न संख्या 77 का उत्तर बदलकर विकल्प एक को सही मानते हुए एबीसीडी सीरीज के प्रश्नपत्रों में बदलाव कर नई मेरिट सूची तैयार करने का निर्देश दिया था।
यह है मामला
आरपीएससी ने 26 मई 2011 को एपीपी के 159 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। एक दिसंबर 2012 को स्क्रीनिंग में 9191 अभ्यर्थियों ने भाग लिया और आपत्तियों के बाद कुछ प्रश्नों को हटा दिया। भर्ती में अनियमितताओं के कारण परीक्षा का परिणाम तीन बार जारी हुआ। इसमें 502 अभ्यर्थी ऐसे थे, जो प्रथम परिणाम से लेकर अंतिम परिणाम तक चयन में शामिल थे। भर्ती में अनियमितता व प्रभावशाली अभ्यर्थियों के चयन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई
News Sabhaar : bhaskar.com / भास्कर न्यूज | Oct 26, 2013, 07:58AM IST (26.10.13)