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Thursday, January 3, 2013

RTET : ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती अवैध, हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश



RTET : ग्रेड थर्ड शिक्षक भर्ती अवैध, हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार द्वारा जिला परिषद स्तर पर की गई शिक्षक ग्रेड तृतीय लेवल प्रथम व द्वितीय भर्ती व नियुक्तियों को निर्णयाधीन रखा है। 

कोर्ट ने अंतिम वरीयता सूची में आरटेट प्राप्तांकों का 20 फीसदी जोड़ने को अवैध बताया है। आदेश न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने राजमल खटीक की याचिका की सुनवाई पर दिया।वहीं, अतिरिक्त महाधिवक्ता जीआर पूनिया की ओर से पेश हुए वकील महेंद्र चौधरी को 7 जनवरी तक जवाब देने का नोटिस कोर्ट ने दिया है। 

याचिकाकर्ता के वकील वी आर चौधरी के मुताबिक एनसीटीई ने शिक्षक ग्रेड तृतीय लेवल प्रथम व द्वितीय की भर्ती में शामिल होने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रावधान किया है।लेकिन इसमें यह प्रावधान नहीं है कि भर्ती परीक्षा के परिणाम में आरटेट में प्राप्तांकों का 20 फीसदी जोड़ा जाए। बावजूद इसके सरकार ने इस भर्ती में ऐसा किया जो अवैध है। हाई कोर्ट ने भी इसी आधार पर भर्ती को अवैध माना है


News Source : bhaskar.com (3.1.13)
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NCTE says -
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9(b) should give weightage to the TET scores in the recruitment process; 
however, qualifying the TET would not confer a right on any person for recruitment/employment as it is only one of the eligibility criteria for 
appointment
( Source : http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf )

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Frequency of conduct of TET and validity period of TET certificate :-
11 The appropriate Government should conduct a TET at least once every year. The Validity Period of TET qualifying certificate for appointment will be decided by the appropriate Government subject to a maximum of seven years for all categories. But there will be no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a TET Certificate. A person who has qualified TET may also appear again for improving his/her score. 
(Source : http://www.ncte-india.org/RTE-TET-guidelines[1]%20(latest).pdf )

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11.2 There is no restriction on the number of attempts a person can take for acquiring a CTET Certificate. A person who has qualified CTET may also appear again for improving his/her score.
http://ctet.nic.in/ctetnov2012/PDF/CTET_NOV2012.pdf

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How much weightage of TET marks is used in selection is in the hands of Selection Authority.As it is not clear in notification.
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From name of exam it appears it is  eligibility test therefore I felt NCTE should clear about this so that candidates who are going to appear to improve their marks will not confuse.
Is it - Selection cum eligibility test OR simple eligibility test and candidates need not appear again in exam to improve their marks.

Thursday, September 27, 2012

शिक्षक भर्ती: RPSC का ये कैसा खेल, अभ्यर्थियों ने मांगी तो नष्ट कर दीं OMR शीटें


शिक्षक भर्ती:  RPSC का ये कैसा खेल, अभ्यर्थियों ने मांगी तो नष्ट कर दीं OMR शीटें




जयपुर.राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती (सामाजिक विज्ञान) के तीन लाख नौ हजार अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं नष्ट कर इस परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने 5 सितंबर को ही आरपीएससी को दिशा-निर्देश दिए थे कि अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट दिखाई जाए। इसके बावजूद आरपीएससी ने 11 सितंबर को सभी ओएमआर शीट नष्ट कर दी।


9 दिन बाद 20 सितंबर को कम्प्यूटर में इंद्राज रिकॉर्ड के अनुसार संशोधित परीक्षा परिणाम भी जारी कर दिया। अभ्यर्थियों का आरोप है कि इस परीक्षा में धांधली हुई है। इस वजह से हाईकोर्ट के निर्देशों को नजर अंदाज करते हुए लाखों ओएमआर शीट नष्ट की गई। अभ्यर्थियों का कहना है कि ऐसी क्या नौबत आ गई थी कि संशोधित परीक्षा परिणाम के नौ दिन पहले ही ओएमआर शीट नष्ट करनी पड़ी।


कोर्ट के आदेश की पालना होनी ही चाहिए थी


अगर कोर्ट ने ओएमआर शीट दिखाने के दिशा निर्देश दिए थे और उसके बावजूद आरपीएससी ने उन्हें नष्ट कर दिया तो गलत हुआ है। सवाल उठता है कि आरपीएससी के अधिकारी क्या कर रहे थे? आदेश का पालन कराना उनकी ड्यूटी थी। शायद ऐसा कम्युनिकेशन गैप के कारण हुआ है।


-जे.एम.खान, पूर्व अध्यक्ष आरपीएससी


शुरू से ही विवादों में रही परीक्षा


दिसंबर 2011 में सामाजिक विज्ञान की 2,373 सीटों के लिए द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा हुई थी। इनका परिणाम 6 मार्च को जारी हुआ। सामान्य ज्ञान विषय के प्रश्न-पत्र प्रथम और द्वितीय में 11 प्रश्नों पर विवाद हुआ। दरअसल आरपीएससी ने जो उत्तर दर्शाए थे, वे गलत थे। इस मामले को लेकर अभ्यर्थी हाईकोर्ट में गए।


हाईकोर्ट ने एक फैसले में निर्णय दिया कि आरपीएससी इस मामले में एक एक्सपर्ट कमेटी के माध्यम से मामले का समाधान कराए। कमेटी ने आरपीएससी की आंसर-की में आठ उत्तर को गलत ठहराते हुए आठ प्रश्न डिलीट करने का फैसला किया। इसके बाद 20 सितंबर को संशोधित परीक्षा परिणाम जारी किया। इससे वरीयता सूची से 197 अभ्यर्थी बाहर हो गए। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब पूरे प्रकरण पर विवाद था तो ओएमआर शीट नष्ट करना आरपीएससी का गलत निर्णय है।


भीग गईं थी शीटें


'जहां ओएमआर शीट रखी थी वहां पर बरसाती पानी भर गया था। कुछ शीट खराब हो गई थी। नियमानुसार परिणाम के तीन माह बाद उत्तर पुस्तिकाएं नष्ट की जा सकती हैं। मार्च में परिणाम घोषित हुआ था। इसके आधार पर हमें उत्तर पुस्तिका नष्ट करने का हक है।'
- आर.एल.सोलंकी, उप सचिव, आरपीएससी


कोई दोषी हुआ तो कार्रवाई करेंगे


'यह मामला मेरी जानकारी में नहीं आया है। रिपोर्ट लेकर ही कुछ कह सकूंगा। दोषी व्यक्ति के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।'


News Source : Bhaskar.com (27.9.12)
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News Analysis : Really in India Government jobs is a BIG PROBLEM. 
Corruption / Reservation etc. all for this Government Job. As Govt. job made a person life socially secured.
Leaves / Salary etc. are very good in Govt. sector with low accountability.

Even people don't want to prefer their child to study in Government Schools, But job they like is Government Job.

All examinations / interviews should be conduct with full transparency. Even examination should be conducted for those already in Govt. sector as many people in India entered in Govt. Job through cheating / bribes and transparency in selection is very less .Even Videography should take place in  interviews. And all these selection details should be uploaded on Govt. website. 
After all SALARY comes through PUBLIC  money. Therefore Govt. employees should be accountable to public.

Friday, August 10, 2012

RTET : ग्रेड सेकण्ड शिक्षक भर्ती: 'अंग्रेजी में हिन्दी माध्यम का प्रश्न पत्र क्यों दिया'

RTET : ग्रेड सेकण्ड शिक्षक भर्ती: 'अंग्रेजी में हिन्दी माध्यम का प्रश्न पत्र क्यों दिया'


जयपुर.विज्ञान विषय की द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2011 में अंग्रेजी माध्यम के परीक्षार्थी को हिन्दी माध्यम का प्रश्न पत्र देने पर हाईकोर्ट ने आरपीएससी से स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने आरपीएससी से पूछा है कि जब भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों को हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम का विकल्प दिया था तो उन्होंने अंग्रेजी माध्यम के परीक्षार्थी को हिन्दी माध्यम का प्रश्न पत्र क्यों दिया। यदि एक माध्यम में ही प्रश्न पत्र देने का निर्णय लिया था तो इसकी सूचना परीक्षार्थियों को क्यों नहीं दी। मामले की आगामी सुनवाई 14 अगस्त तक एक पर खाली रखने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश नरेश कुमार की याचिका पर दिया। इसमें कहा कि विज्ञान विषय की द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 20 दिसंबर को हुई थी लेकिन इसमें परीक्षार्थी को अंग्रेजी माध्यम होने के बावजूद भी प्रश्न पत्र हिन्दी में दिया। माध्यम अलग होने के कारण परीक्षार्थी प्रश्न पत्र सही तरीके से हल नहीं कर सका और उसके अंक कम आए।

इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने पर आरपीएससी ने जवाब में कहा कि फुल कमीशन ने तय किया था कि सभी विषयों के प्रश्न पत्र हिन्दी भाषा में ही दिए जाएं और केवल तकनीकी शब्दों को ही अंग्रेजी में लिखा जाए, इसलिए सभी विषय में हिन्दी माध्यम में प्रश्न पत्र दिए


News Source : DenikBhaskar.com ( 9.8.12)
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Hindi medium question paper provided to English medium candidates . Court asked when there is option to choose medium of question paper in Hindi OR English then why they provided Hindi medium paper to English medium candidates.

RTET : ग्रेड सेकण्ड शिक्षक भर्ती: गणित व सामा. विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्तियां रोकी


RTET : ग्रेड सेकण्ड शिक्षक भर्ती: गणित व सामा. विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्तियां रोकी

Rajasthan Grad 2nd Teachers Recruitment stay on Maths and S.S subject teachers appointment -


बीकानेर.राज्य में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में गणित और सामाजिक विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अन्य तीन विषयों में नियुक्तियां देने की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है। 

द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए गणित और सामाजिक विज्ञान विषयों की परीक्षा में गलत प्रश्नों का मामला हाईकोर्ट में चले जाने के कारण राजस्थान लोक सेवा आयोग ने फिलहाल इन दोनों विषयों पर नियुक्तियां देने से मना कर दिया है। इससे दोनों विषयों के 6746 अभ्यर्थी प्रभावित होंगे। आयोग इस मसले को सुलझाने में लगा है। इस संबंध में आयोग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट की है तथा मसला सुलझने तक नियुक्तियां नहीं देने को कहा है। 

इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अन्य तीन विषय अंग्रेजी, विज्ञान और हिंदी में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने की तैयारी शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री ने 31 अगस्त तक नियुक्तियां देने की बात कही है। उनकी घोषणा के मद्देनजर शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवकाश के बावजूद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय खुला रहा। अधिकारी इन तीनों विषय के अभ्यर्थियों को मंडल आबंटन की तैयारी में जुटे रहे। 

तीनों विषयों में प्रत्येक के 2373 अभ्यर्थियों को नियुक्तियां मिलेंगी। हालांकि इन विषयों के सभी फार्म निदेशालय नहीं पहुंचे हैं। प्रत्येक विषय के दो सौ से लेकर 400 फार्म आयोग में ही रुके हुए हैं। जितने फार्म निदेशालय को मिले हैं, उन्हीं अभ्यर्थियों को नियुक्तियां देने के आदेश मंडल उपनिदेशकों को दिए जाएंगे। उसके बाद आयोग जैसे-जैसे फार्म भेजेगा, नियुक्तियां होती रहेंगी


News Source : Denikbhaskar.com (11.8.12)
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Stay happens due to wrong questions asked in examination and matter reach to Highcourt.