Tuesday, April 17, 2012

RTET : अब किस जिले से दें परीक्षा ?



RTET : अब किस जिले से दें परीक्षा ? 


राजसमंद। आगामी 15 मई को प्रस्तावित राज्यव्यापी तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2012 जिले में भी अब तक का सबसे बड़ा इम्तिहान होगा। पदों के मुकाबले आए आवेदनों की तादाद को देखते हुए इसकी तैयारियों को लेकर पंचायती राज विभाग व जिला प्रशासन फिक्रमंद है, वहीं अभ्यर्थी इम्तिहान के लिए 'माकूल मैदान' के चयन की मशक्कत कर रहे हैं।

विभाग ने हालांकि आवेदन संख्या की आघिकारिक घोषणा नहीं की है, मगर संभावित आंकड़ों के मुताबिक राजसमंद जिले में 2072 पदों के लिए दोनों स्तरों पर कुल 78 हजार 720 आवेदन आए हैं। जानकारों का कहना है कि राज्यभर में पात्र आवेदक तीन लाख के आस-पास ही हैं, जबकि आवेदन 11 लाख से अघिक आए। सभी जिलों में एक ही दिन परीक्षा होने से एकाघिक स्थानों के लिए आवेदन करने के बावजूद अभ्यर्थी एक जगह ही परीक्षा दे सकेगा।

वह जिलेवार आवेदनों की संख्या तथा दोनों स्तरों पर पद का आकलन करते हुए अपने लिए परीक्षा की उचित जगह पर विचार कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक इन हालाते के चलते राजसमंद में करीब 30 प्रतिशत से अघिक सीटें खाली रह सकती हैं। ज्ञात हो, पिछले वर्ष आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में 90 पदों के विरूद्ध करीब 33,400 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। शिक्षक भर्ती में यह संख्या लगभग दस हजार बढ़कर 42,800 हो गई है।
चूंकि लेवल-1 (कक्षा 0-5 तक) के 379 पदों के लिए 35,920 तथा लेवल-2 के 1693 पदों के विरूद्ध 42,800 आवेदन आए हैं। एक ही दिन में दो पारियों में होने वाली परीक्षा के लिए विभाग को अघिकतम संख्या के हिसाब से बैठक प्रबंध करने होंगे। पटवारी परीक्षा आयोजन में कुम्भलगढ़ ब्लॉक को यातायात असुविधाओं के मद्देनजर परीक्षा आयोजन से दूर रखा, जबकि शेष जिले के सभी राजकीय व गैर राजकीय विद्यालय, कॉलेज व अन्य भवनों का इस्तेमाल किया गया था। इस बार भवन, फर्नीचर और कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर ज्यादा मशक्कत करनी होगी। इसे लेकर विभाग और प्रशासन ने वैचारिक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। परीक्षा नियंत्रण कक्ष जिला परिषद कार्यालय में स्थापित किया गया है।

एक करोड़ से ज्यादा जमा
सामान्य वर्ग के पुरूष व महिला आवेदक से 250 रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग से 150 तथा अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों से 50-50 रूपए परीक्षा शुल्क लिया गया था। तीनों श्रेणियों का औसतन 150 रूपए भी एक आवेदन का शुल्क माना जाए, तो विभाग के खाते में एक करोड़ 18 लाख आठ हजार रूपए जमा हो चुके हैं।

क्यों इतने आवेदन?
जिला स्तर पर भर्ती के लिए राजसमंद के अलावा अन्य जिलों से बड़ी तादाद में अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। हजारों ऎसे बीएड-एसटीसी डिग्रीधारियों ने भी फॉर्म भरा, जिनके पास टैट की पात्रता नहीं है। कई अभ्यर्थियों ने आवेदन भरने के दौरान पाठ्यक्रम, विषयाध्यापक व स्तर प्रथम व द्वितीय के पात्रता सम्बंधी असमंजस को लेकर गलतियां कीं तथा बाद में एकाघिक आवेदन किए


News : Rajasthan Patrika (17.4.12)

RTET : अभ्यर्थी बोले, भर्ती से पहले कराओ टेट


RTET : अभ्यर्थी बोले, भर्ती से पहले कराओ टेट 

जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा से पहले आरटेट परीक्षा कराने की मांग को लेकर पिछले तीन दिन से उद्योग मैदान पर धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने सोमवार को विधानसभा तक रैली निकाली। आरटेट छात्र संघष्ाü समिति के बैनर तले अभ्यर्थियों ने विधानसभा टी प्वाइंट पर पहुंच कर नारेबाजी की। संगठन नेता मुरारी मीणा और राजेन्द्र तिवाड़ी ने बताया कि पिछली परीक्षा को एक साल बीतने के बाद भी सरकार की ओर से टैट परीक्षा आयोजित नहीं कराई जा रही। यदि परीक्षा से पहले ही अध्यापक भर्ती परीक्षा हुई तो लाखों अभ्यर्थी सरकारी नौकरी की दौड़ से वंचित रह जाएंगे।

मिली दुत्कार
अभ्यर्थियों ने पंचायती राज मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय पर ज्ञापन देने गए प्रतिनिधिमंडल से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। अभ्यर्थियों ने बताया कि टी प्वाइंट से प्रतिनिधिमंडल सीएम के नाम ज्ञापन सौंपने विधानसभा गया था। मालवीय इस प्रतिनिधिमंडल से मिले और अभ्यर्थियों की मांगों को बिना सुने ही भगा दिया

News : Patrika (17.4.12)

RTET : शिक्षकों की भर्ती को लेकर चिडावा बंद रहा शांतिपूर्ण


RTET : शिक्षकों की भर्ती को लेकर चिडावा बंद रहा शांतिपूर्ण

झुंझुनूं। राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती जिला परिषदों के स्थान पर राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के माध्यम से कराने की मांग को लेकर आज चिडावा कस्बा आज बंद रहा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार स्टूडेन्ट फैडरेशन ऑफ इण्डिया (एसएफआई) ने चिडावा बंद का आह्वान किया था। सूत्रों ने बताया कि एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने कस्बे में घूम-घूम कर बाजार और प्रतिष्ठानों को बंद करवाया जबकि आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया।
बंद के दौरान कस्बे में शांति रही। कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। बंद के दौरान किसी तरह की झड़प अथवा तोड़फोड़ की कोई सूचना नहीं है। रोडवेज की और निजी बसें सामान्य रूप से चली लेकिन टैक्सियां बंद रहने से स्थानीय लोगों को आवागमन में खासी परेशानी हुई।
सूत्रों का कहना है कि बंद सफल रहा। बंद समर्थकों ने रैली निकाली और तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती जिला परिषद के स्थान पर आरपीएससी से कराने की मांग का ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा।

Saturday, April 14, 2012

RTET : थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती: पहले विधायक का इस्तीफा, अब सदन में धरना


RTET - थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती: पहले विधायक का इस्तीफा, अब सदन में धरना


शून्यकाल शुरू होते ही श्रवण कुमार ने कहा कि मैंने इस्तीफा दे दिया था। मेरे साथ अन्याय हो रहा हैजयपुर.कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में शिक्षक भर्ती आरपीएससी से कराने की मांग को लेकर धरना दिया। बाद में उद्योग मंत्री राजेंद्र पारीक और सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा ने उन्हें आग्रह करके उठाया। शून्यकाल शुरू होते ही श्रवण कुमार ने कहा कि मैंने इस्तीफा दे दिया था। मेरे साथ अन्याय हो रहा है।  उन्होंने कहा कि वे तो इस्तीफा दे चुके थे, लेकिन आसन ने यह कह दिया कि वैसे ही पर्ची दे दी थी।
आरपीएससी से शिक्षक भर्ती की परीक्षा कराने की मांग की थी। इसका समाधान नहीं हो पाया है। इस बीच माकपा ने अमराराम ने स्वाइन फ्लू और इसके प्रभावों को लेकर मामला उठाया, लेकिन वह भी शोरगुल में दब गया।  श्रवण कुमार ने कहा कि वे इस मामले को लेकर इस्तीफा दे चुके हैं, फिर भी सरकार इस पर गौर नहीं कर रही है।

उन्होंने अपना इस्तीफा लहराया और कहा कि उनकी मांग पर गौर किया जाए।  श्रवण कुमार के समर्थन में माकपा के अमराराम और पेमाराम ने शिक्षक भर्ती का मुद्दा उठाया।  भाजपा के देवीसिंह भाटी और हनुमान बेनीवाल ने सदन में अपनी बात रखी, लेकिन उसे उपाध्यक्ष के निर्देश पर अंकित नहीं किया गया। हंगामे और शोरगुल के बीच उपाध्यक्ष रामनारायण मीणा ने कहा कि अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत इस प्रकरण में व्यवस्था दे चुके हैं।

News : Bhaskar (14.4.12)

RTET : प्रभारी मंत्री को कहा "गो बैक"


RTET : प्रभारी मंत्री को कहा "गो बैक" 

झुंझुनूं। शिक्षक भर्ती जिला परिषद से कराने के विरोध में बीएड बेरोजगार संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार दोपहर झुंझुनूं-चिड़ावा मार्ग पर बख्तावरपुरा के निकट टोल बूथ पर जिले के प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा को काले झण्डे दिखाए।

तय कार्यक्रम के अनुसार युवक काले झण्डे दिखाने सबसे पहले सूरजगढ़ पहुंचे, लेकिन वहां पुलिस का जाब्ता अधिक होने के कारण वहां से लाखू चले गए। वहां भी पुलिस की सख्ती के उनकी दाल नहीं गली। इसके बाद युवकों ने रणनीति बदली और बख्तावरपुरा के निकट टोल बूथ पर आ गए। यहां उन्होंने मंत्री को काले झंडे दिखाए तथा कईझंडे कार पर भी फेंके। अनेक युवक मंत्री की कार के सामने आकर खड़े हो गए। प्रदर्शकारी युवकों ने "मंत्री गो बैक" तथा शिक्षक भर्ती आरपीएससी से हो के नारे लगाए। बाद में उन्हें पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

ढाई घंटे बाद छोड़ा
काले झंडे दिखाने में शामिल भारतीय जनता पार्टी के पार्षद डॉ. राजेश बाबल, एनएसयूआई के जिला संयोजक सुशील मालसरिया, संजय जांगिड़,विजेन्द्र लाम्बा, मनीष थालोड़, प्रवीण पचार, सुनील हांसलसर, रघुवीर महला व अन्य को पुलिस पकड़कर बगड़ थाने ले गई। यहां से ढाई घंटे बाद लगभग पांच बजे उन्हे छोड़ा गया।

पुलिस के घेरे में रहे मंत्री
युवकों के आक्रोश को देखते हुए मंत्री को पुलिस के घेरे में ही निकलना पड़ा। झुंझुनूं सर्कि ट हाउस से रवाना होने के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश कटारिया के नेतृत्व में मंत्री के लिए विशेष सुरक्षा करनी पड़ी। सूरजगढ़ व लाखू दोनों जगह हुए कार्यक्रमों में एक एएसपी, दो डिप्टी व अनेक थानाधिकारी साए की तरह उनके साथ रहे।

मंत्री के सामने प्रदर्शन करने वाले कुछ युवकों को पकड़ा था। बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
-ओम प्रकाश कटारिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, झुंझुनूं

भाषण के दौरान हंगामा
सूरजगढ़। पंचायत समिति परिसर में आयोजित जनसम्पर्क कार्यक्रम में भाजपा की नेता संतोष अहलावत के नेतृत्व में शिक्षक भर्ती लोक सेवा आयोग से कराने की मांग कर रहे छात्र प्रभारीमंत्री परसादीलाल मीणा को ज्ञापन देने अंदर जाने लगे तो वहां मौजूद प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें मुख्य द्वार पर रोक लिया। एक घंटे तक उन्हें अंदर नहीं जाने दिया।

इस पर संतोष अहलावत के नेतृत्व मे छात्रों ने नारेबाजी की व हंगामा शुरू कर दिया। मंत्री ने लगभग पंद्रह मिनट भाषण दिया। मंत्री के भाषण शुरू करते ही युवको ने भी हंगामा शुरू कर दिया। जो मंत्री के भाष्ाण खत्म होने पर ही बंद हुआ। बाद में खुद मंत्री ने दरवाजे पर आकर ज्ञापन लिया। इस दौरान कई बार तनातनी की स्थिति भी बनी।


News : Patrika (14.4.12)

RTET : भर्ती की दौड़ में जालोर वालों से ज्यादा बाहरी


RTET : भर्ती की दौड़ में जालोर वालों से ज्यादा बाहरी

सर्वाधिक जयपुर के आवेदक देंगे जालोर से परीक्षा


शिक्षक भर्ती के लिए चल रही भागमभाग में जालोर से परीक्षा देने वालों में स्थानीय आवेदकों से अधिक दूसरे जिले के आवेदक शामिल हैं। इस भर्ती परीक्षा के लिए दोनों स्तर में जालोर जिले के लिए कुल 43 हजार 62 आवेदन भरे गए हैं। इनमें जालोर के तो मात्र 8496 आवेदक ही हैं जबकि शेष दूसरे जिलों के हैं। इस प्रकार लगभग साढ़े 34 हजार आवेदक दूसरे जिले से हैं जो जालोर आकर परीक्षा देंगे। हालांकि अभी इन आवेदनों के खारिज होने की प्रक्रिया जारी है। जिसके बाद ही सही सही आंकड़ा सामने आ पाएगा साथ ही कई अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जिन्होंने एक साथ तीन चार जिलों में आवेदन भरे हैं। ऐसे में जिले से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 43 हजार से कम भी हो सकती है। इधर, आवेदन के इन आंकड़ों के बाद एक बार फिर यही सवाल खड़ा हो गया है कि इससे स्थानीय बेरोजगार युवकों को क्या लाभ मिल पाएगा। साथ ही अगर अधिक संख्या में दूसरे जिले के लोग यहां परीक्षा में सफल होते हैं तो क्या वाकई में स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो पाएगी। इस बीच आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब जिला परिषद आगे की तैयारियों में जुट गई है। परिषद के सामने सबसे बड़ी चुनौती इतनी बड़ी संख्या में आवेदकों के लिए परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था करना है।

क्या है जालोर की स्थिति
इस परीक्षा के लिए 11416 आवेदन ऐसे हैं जो जालोर के लोगों ने भरे हैं। जिनमें 8496 आवेदक ऐसे हैं जिन्होंने जालोर के लिए ही आवेदन किया है जबकि जालोर के 2920 लोग ऐसे हैं जिन्होंने दूसरे जिले के लिए आवेदन किया है। इनमें सर्वाधिक करीब 1400 लोगों ने बाड़मेर के लिए आवेदन किया है।
जालोर से ज्यादा जयपुर के आवेदक
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के लगभग 8496 अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे। अन्य सभी दूसरे जिलो का आंकड़ा तो इससे कहीं ज्यादा है ही, लेकिन अकेले जयपुर की बात करें तो वहां से जालोर के लिए फीस भरने वाले अभ्यर्थियों की संख्या जालोर के आवेदकों से भी अधिक है। जयपुर से जालोर के लिए कुल 8853 लोगों ने फीस भरी है।
शेखावाटी और नागौर से 9 हजार लोग
तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा आरपीएससी से करवाने की सर्वाधिक मांग शेखावटी में की जा रही है। शेखावाटी से जालोर जिले के लिए फीस भरने वाले लोगों की संख्या पर गौर करें तो सीकर से लगभग 3815, झुंझुनूं से 3069 और चुरू से 961 लोगों ने जालोर के लिए फीस भरी है। इसी प्रकार नागौर से करीब 1231 लोगों ने जालोर के लिए टोकन कटवाया है।
अब आगे क्या
आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इन आवेदनों की जांच जारी है। जिनमें कुछ आवेदन खारिज भी होंगे। सही संख्या सामने आने के बाद पंचायती राज विभाग जिला परिषद को परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या भेजेगा। जिसके आधार पर परिषद केंद्रों के नाम और संख्या देगी। अभ्यर्थियों को केंद्र का आवंटन रेंडम बेस पर होगा। इसके अलावा वीक्षकों की ड्यूटी संभवत जिला परिषद की ओर से ही की जाएगी, लेकिन केंद्राधीक्षकों की ड्यूटी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
आवेदनों की जांच बाकी
॥जिले के लिए 43 हजार 62 आवेदकों ने फार्म भरा है। अभी इन फॉर्म की जांच होगी। जिसके बाद सही संख्या सामने आ सकेगी। कुछ फॉर्म रिजेक्ट होंगे तो कुछ ऐसे भी हैं जो दूसरी जगहों से परीक्षा देंगे। बहरहाल हम लोग इसके आसपास ही संख्या को संभव मानते हुए परीक्षा केंद्रों का चयन कर रहे हैं। हमारा प्रयास होगा कि इतने अधिक अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र को लेकर कोई परेशानी न हो।
- भैरूलाल वर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जालोर
मेवात से भरी 7 हजार ने फीस
जालोर से परीक्षा देने की होड़ में मेवात क्षेत्र भी पीछे नहीं है। अलवर से करीब 2898, भरतपुर से 1175, दौसा से 1361, करौली से 672 और सवाईमाधोपुर से करीब 1074 लोगों ने जालोर के लिए टोकन कटवाया है। इसके अलावा चितौडग़ढ़ एक मात्र ऐसा जिला है जहां से सबसे कम मात्र 7 जनों ने जालोर के लिए फीस भरी है। पड़ोसी जिलों की बात करें तो जोधपुर से 2957, पाली से 718, सिरोही से 1092 और बाड़मेर से 603 लोगों ने जालोर के लिए फीस भरी है। यानी लगभग इतने लोग जालोर से आवेदन कर चुके हैं।
जालोर में हैं इतने पद
तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा दो स्तर में हो रही है। पहला स्तर कक्षा एक से पांच तक और दूसरा स्तर कक्षा छह से आठ तक का। इनमें पहले स्तर के लिए जालोर में 355 और दूसरे स्तर के लिए 1123 पद है। इस प्रकार कुल जिले में कुल 1478 पदों के लिए भर्ती होगी। इन पदों की दौड़ में जालोर जिले के साढ़े आठ हजार और दूसरे जिलों के साढ़े 34 हजार आवेदक शामिल हैं।

बार -बार भर्ती फिर भी नहीं भरते पद
पिछले कई सालों में अनेक बार भर्ती होने के बावजूद जालोर जिले की स्कूलों में शिक्षकों के अनेक पद जस के तस रिक्त हैं। अनेक बार भर्ती होने के बाद भी इस समस्या में कोई बदलाव नहीं आया है। जिले में इस समय द्वितीय श्रेणी के 241, तृतीय श्रेणी के 2115 और माध्यमिक स्कूलों में 550 पद रिक्त हैं।

News : Bhaskar (14.4.12)

RTET Churu : चूरू के अभ्यर्थी अन्य जिलों में भी आजमाएंगे अपना भाग्य


RTET Churu : चूरू के अभ्यर्थी अन्य जिलों में भी आजमाएंगे अपना भाग्य


जिला परिषद के जरिए होने वाली तृतीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा में चूरू जिले के अभ्यर्थी अन्य जिलों में भी अपना भाग्य आजमाएंगे। 10 अप्रैल को आवेदन किए जाने की अंतिम तिथि के बाद भरे गए फार्मों के अनुसार जिले के 31584 अभ्यर्थियों में से 17413 का अन्य जिलों में रुझान रहा है। चूरू जिले में १०८१ पदों के बाद भी हजारों अभ्यर्थी अन्य जिलों को विकल्प के तौर पर आजमा रहे है। दो मार्च से १० अप्रैल तक चूरू जिले के ३१ हजार ५८४ अभ्यर्थियों ने ई-मित्र व नागरिक सेवा केंद्रों के माध्यम से आवेदन किया है। इसमें से १४ हजार १७१ अभ्यर्थियों ने चूरू जिले के लिए तथा १७४1३ अभ्यर्थियों ने अन्य जिलों के लिए आवेदन किया है। चूरू के अभ्यर्थियों ने शेखावाटी में आने वाले सीकर व झुंझुनूं जिलों में कम रुचि रखते हुए अन्य जिलों में अधिक आवेदन किए हैं।
नागौर, बाड़मेर व पाली को प्राथमिकता
नागौर के लिए सबसे अधिक आवेदन किए है। चूरू के तीन हजार ३४९ अभ्यर्थियों ने फार्म जमा करवाएं है। बाड़मेर के लिए दो हजार ९९८, पाली के लिए दो हजार १११, राजसमंद के लिए एक हजार ५४१, बीकानेर के लिए एक हजार २८३ व जोधपुर के लिए एक हजार २०७ ने फार्म जमा करवाएं है। सबसे कम आवेदन कोटा के लिए पांच, धोलपुर के लिए सात, डूंगरपुर के लिए आठ व झुंझुनूं के लिए नौ अभ्यर्थियों ने फार्म जमा करवाएं है।

अन्य जिलों की ये रही स्थिति
तृतीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा को लेकर अजमेर के लिए १०४ ने, बांसवाड़ा के लिए ३३, बारां के लिए ५६, भरतपुर १९, भीलवाड़ा ६७७, बूंदी २९, चितौडग़ढ़ ६९६, दौरा १६, हनुमानगढ़ ४९७, जयपुर २५, जैसलमेर ३१८, जालौर ९६१, झालावाड़ १८२, करौली ११, प्रतापगढ़ १६१, सवाईमाधोपुर १२, सीकर १७८, सिरोही ७९, श्रीगंगानगर ३००, टोंक १४ व उदयपुर के लिए ३४५ अभ्यर्थियोंं ने फार्म जमा करवाएं है

News : Bhaskar (14.4.12)

RTET Boondi : More than 15500 Application


साढ़े पन्द्रह हजार से अधिक आवेदन
(RTET Boondi : More than 15500 Application )

बूंदी। विधानसभा में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा को राजस्थान लोक सेवा आयोग से कराए जाने की मांग को लेकर चाहे हंगामा मच रहा हो, या कई जगह बंद प्रदर्शन हो रहे हों, लेकिन इन सब से दूर बूंदी जिला परिषद पंचायत राज विभाग के अधीन तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारियों में जुटी हुई है।

जिला परिषद आगामी 13 मई को संभावित परीक्षा तिथि को लेकर परीक्षा केन्द्रों की व्यवस्था में जुट गई है। जिले में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा देने को लेकर आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि तक साढ़े पन्द्रह हजार से अधिक आवेदन जमा हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि बूंदी में तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा के कुल 826 पद हैं।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केसरलाल मीणा ने बताया कि 13 मई को तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। बूंदी जिले से शिक्षकों की परीक्षा देने के लिए दोनों लेबल परीक्षाओं के लिए 15 हजार 876 आवेदन जमा हुए हैं।

इसमें प्रथम लेबल (पहली से पांचवीं कक्षा तक) के लिए 7863 आवेदन, जबकि दूसरे लेबल (छठी से आठवीं कक्षा तक) में भाग लेेने के लिए 8013 आवेदन जमा हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि  बूंदी में प्रथम लेबल शिक्षकों के लिए 177 पदों, जबकि दूसरे लेबल के लिए 649 पदों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।

News : Patrika (14.4.12)

RTET : मुख्यमंत्री का पुतला फूंका


RTET : मुख्यमंत्री का पुतला फूंका


तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा जिला परिषद से न कराकर आरपीएससी से कराने के साथ परीक्षा से पूर्व टैट परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत गुरुवार को एससी-एसटी छात्र संघ व एबीवीपी के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय महाविद्यालय के सामने मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
एससी-एसटी महाविद्यालय छात्र संघ के प्रदेशाध्यक्ष धर्म मीणा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला सह संयोजक शेरसिंह बैसला, सपोटरा तहसील संयोजक अजीत बीजलपुर सहित दर्जनों छात्रों ने बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के मामले में राजस्थान सरकार ढुलमुल रवैया अपना रही है और युवा बेरोजगार छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे प्रदेश के हजारों लाखों युवाओं में राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। इससे पूर्व दर्जनों छात्रों ने राजकीय महाविद्यालय के सामने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। इसके बाद मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर विरोध प्रकट किया।
इस मौके पर अशोक सत्तावन, उदय मीणा, नरेन्द्र शर्मा, राजकुमार बैरवा, नंद लाल बैरवा, गोविंद कुम्हार, रवि रतन मीणा, कमलदीप भारद्वाज, धीरज नरेन्द्र बैरवा, हेमराज जोड़ली, रवि धाबाई, योगेन्द्र राजपूत, शिवराज सिंह जादौन, योगेश, अनिल, अजय राज जारेड़ा सहित दर्जनों छात्र उपस्थित थे।

15 को करौली बंद का आह्वान
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा आरपीएससी से व परीक्षा से पूर्व आरटैट परीक्षा कराने की मांग को लेकर एससीएसटी महाविद्यालय छात्र संघ, एबीवीपी व महाविद्यालय छात्र संयुक्त तत्वाधान में रविवार को करौली बंद का आह्वान किया है। छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने सभी दुकानदारों से रविवार को अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रख आंदोलन में सहयोग करने की अपील की है।

News : Bhaskar (13.4.12)

RTET : बेरोजगारों की कमाई से जिला परिषद करोड़पति


RTET : बेरोजगारों की कमाई से जिला परिषद करोड़पति 

बाड़मेर । बाड़मेर की जिला परिष्ाद के खजाने को बेरोजगारों की कमाई ने भर लिया है। तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में बेरोजगारों ने जो आवेदन किए है, उससे जिला परिषद को एक करोड़ सैंतीस लाख रूपए से ज्यादा की आय हुई है। इस खजाने में बाड़मेर से ज्यादा दूसरे जिलों की भागीदारी रही। बाड़मेर के अभ्यर्थियों के आवेदनों से सोलह लाख बीस हजार पांच सौ रूपए प्राप्त हुए शेष अन्य जिलो के अभ्यर्थियों के आवेदनों से मिले है।

लम्बे अंतराल के बाद जिला परिषदों के मार्फत होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया ने बाड़मेर जिला परिषद की बल्ले-बल्ले कर दी है। 2945 पदों की भर्ती के लिए एक लाख नौ हजार से ज्यादा आवेदन आए। इससे परिषद के खाते में भी 13703450 रूपए की आय हुई है।

यह है शुल्क
सामान्य श्रेणी के आवेदक को प्रति आवेदन दो सौ पचास रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग को एक सौ पचास रूपए, विकलांग, अनुसूचित जाति और जन जाति के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुल्क पचास रूपए है।

कहां से कितनी आय
बाड़मेर जिला परिषद को सर्वाधिक आय जयपुर से हुई है। वहां से इसे 2519500 रूपए मिले है। बाड़मेर से 1620500, सीकर से 1115450, झूंझनूं से 1130550, जोधपुर से 1030150, अलवर से 855550, हनुमानगढ़ से 605600, गंगानगर से 527550, बीकानेर से 514700 व नागौर से 447300 रूपए की आय मिली है। प्रदेश के सभी जिलो से यहां की जिला परिषद को हजारों रूपए की आय हुई है।

साइबर कैफे की कमाई भी बढ़ी
बम्पर आवेदन के चलते साइबर केफे और ई मित्र कियोस्कों की कमाई में भी हिजाफा हुआ। ये आवेदन जमा करवाने पर प्रति आवेदन पचास रूपए ले रहे थे। ऎसे में हजारों की आय हुई है।

एक करोड़ सैतींस लाख की आय
जिला परिषद को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के आवेदनों से एक करोड़ सैंतीस लाख रूपए से अधिक की आय हुई है। 
रामस्वरूप मीणा अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद बाड़मेर

दिलीप दवे

RTET : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती जिला परिषद से हो


RTET : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती जिला परिषद से हो 

बाड़मेर। प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षक संघ बाड़मेर के बैनर तले गृह जिले के अभ्यर्थियों को दस फीसदी बोनस अंक देने व तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा को जिला परिषद के मार्फत करवाने की मांग को लेकर शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर रैली निकाली गई। इसके बाद जिला कलक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया। 

संघ के नरेशदेव सारण, अविनाश विश्नोई आदि ने बताया कि प्रदेश में जिला परिषद के मार्फत हो रही शिक्षक भर्ती का संघ स्वागत करता है। पंचायतीराज अधिनियम के तहत उक्त भर्ती जिला परिषद के मार्फत होनी चाहिए। जिला शिक्षा की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। बाहरी जिले के लोग यहां आकर भर्ती होने के बाद स्थानान्तरण करवा कर चले जाते है और रिक्त पदों की स्थिति वही की वही रह जाती है।

छुगसिंह राठौड, गणपतदान चारण आदि ने तृतीय श्रेणी भर्ती में बिन्दुवार पाठयक्रम जारी करने की मांग की। उन्होंने एक-दो जिलों के अभ्यर्थियों व राजनेताओं के दबाव के चलते भर्ती प्रक्रिया आरपीएससी से करवाने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही।

News : Patrika (14.4.12)

RTET : टेट पास ही दे सकेंगे तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा!


RTET : टेट पास ही दे सकेंगे तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा!
(Candidates who qualified Rajasthan Teachers Eligibility Test can ONLY Apply in Rajasthan 3rd / IIIIrd Grade Teachers Recruitment )

जयपुर.प्रदेश में होने वाली शिक्षक भर्ती में वे ही अभ्यर्थी शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने टेट की परीक्षा पास कर ली हो। सिर्फ बीएड या एसटीसी पास करने वाले अभ्यर्थियों में से किसी ने आवेदन कर दिया है तो वे परीक्षा में नहीं बैठ सकेंगे। शिक्षा मंत्री बृज किशोर शर्मा ने राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह खुलासा किया। वे भाजपा के हेम सिंह भडाना के मूल सवाल पर हुई चर्चा में सदस्यों के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।

प्रतिपक्ष के सदस्यों ने शिक्षक भर्ती को लेकर सवालों की बौछार कर दी। भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी थी कि टेट को मंजूर किया गया।उन्होंने कहा कि क्या टेट से बचे बच्चों के लिए राज्य सरकार राज्य स्तर का कोई कैडर बनाकर भर्ती करने का विचार रखती है। उन्होंने टेट पास करने की न्यूनतम अंक अलग अलग क्यों रखे गए हैं। भाजपा के गुलाबचंद कटारिया ने जानना चाहा कि जिस समय टेट की परीक्षा करवाई गई थी, उस समय 60 प्रतिशत की अनिवार्यता क्यों नहीं बताई गई माकपा ने अमरा राम और जसवंत सिंह ने भी अगली टेट की परीक्षा करवाने और बिना टेट परीक्षा में बैठने देने के बारे में जानना चाहा था। उन्होंने योग्यता से खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया

शिक्षा मंत्री ब्रज किशोर शर्मा ने स्पष्ट किया कि एनसीटीई 23 अक्टूबर, 2010 को जारी अधिसूचना में शिक्षक भर्ती के लिए टेट जरूरी किया गया है। ऐसे में सिर्फ बीएड- एसटीसी वालों के आवेदन मान्य नहीं होंगे। अगर किसी ने आवेदन किया है तो वह निरस्त होगा। शर्मा ने कहा कि टेट में भी 60 प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता होगी। उन्होंने कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी और सामान्य वर्ग की महिलाओं को इसमें 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

वहीं एससी, एसटी, ओबीसी, एसबीसी की महिलाओं, विधवा- परित्यक्ताओं को 15 प्रतिशत और निशक्तजनों को 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। शर्मा ने कहा कि एनसीटीई ने जो कार्यक्रम बनाया है, उसके मुताबिक टेट की परीक्षा साल में एक बार कराई जा सकेगी। इसके चलते अब जुलाई में टेट की परीक्षा करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडलीय सचिवालय की अधिसूचना दिनांक 10 जून, 2011 के अनुसार कार्यविधि में संशोधन किया जाकर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों का चयन का काम ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को दिया जा चुका है।

61,374 पद रिक्त :  : शिक्षा मंत्री ने सवाल पर बताया कि राज्य में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 61,374 पद रिक्त है। इसमें से 41,000 पदों को अभी भरे जा रहे हैं। वहीं, 20,000 शिक्षकों की और भर्ती करने की घोषणा मुख्यमंत्री के बजट भाषण में की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि विशेष शिक्षकों के लिए भी टेट पास होना जरूरी है।

सामान्य वर्ग वालों का क्या होगा :सवालों की झड़ी के बीच भाजपा विधायक दल के उपनेता घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि 60 प्रतिशत अंकों की अनिवार्यता में से आरक्षित वर्ग को तो छूट दे दी लेकिन ब्राह्मण, वैश्य, राजपूत और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि टेट की परीक्षा के समय न्यूनतम अंक का प्रावधान शामिल नहीं किया गया था।

News : Bhaskar (21.4.12)

Wednesday, April 11, 2012

Rajasthan Highcourt Seeks Clarification from Rajasthan State Government Advocate General


तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा पर प्रश्न 
(Rajasthan Highcourt Seeks Clarification from Rajasthan State Government Advocate General )

Grade 3rd / IIIrd Teachers Recruitment from RTET passed candidates -
जयपुर। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया तो मंगलवार को पूरी हो गई, मगर इस परीक्षा पर उठ रहे सवाल अब अदालत की चौखट तक जा पहुंचे। हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के बजाय जिला परिषद से कराने के मामले में महाधिवक्ता के जरिए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार जैन-प्रथम और न्यायाधीश मीना वी गोम्बर की खण्डपीठ ने दीपेन्द्र कुमार शर्मा व 61 अन्य की याचिका पर यह अंतरिम आदेश देते हुए सुनवाई 11 अप्रेल तक टाल दी। प्रार्थीपक्ष के अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट को बताया कि पंचायती राज कानून के तहत भर्ती संविधान के अनुच्छेद 14 के विपरीत है।


याचिका में यह दलीलें -
 जिला स्तर पर भर्ती होने से एक जिले में ज्यादा अंक लाने पर भी अभ्यर्थियों के नियुक्ति से वंचित होने के पूर्ण आसार हैं, क्योंकि इस भर्ती में पदों की संख्या जिलेवार तय की गई है। 
 अभ्यर्थियों को गृह जिला छोड़ दूसरों जिलों में जाना होगा, इसके बावजूद एक जिले के लिए परीक्षा दी जा सकेगी।
 भर्ती में राज्य सरकार को दखल का अधिकार भी रहेगा

विधायक ने दिया इस्तीफा
भर्ती आरपीएससी से करवाने की मांग पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। मांग उठाने वालों में सिर्फ विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के मंत्री भी थे। कांग्रेसी विधायक श्रवण कुमार ने विस अध्यक्ष को इस्तीफा भी सौंप दिया। हंगामा आधा घंटे चला और दोनों पक्षों ने शिक्षा मंत्री बृजकिशोर शर्मा से जवाब देने की मांग की। कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने भर्ती परीक्षा जिला परिषदों से करवाने के फैसले के खिलाफ मंगलवार को सदन में विस अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया। स्पीकर ने इस बारे में कोई व्यवस्था नहीं दी। श्रवण कुमार बोले कि फैसले के खिलाफ युवाओं में रोष है।

Article by - Dr. Bharat Mishra Prachee regarding new process of Teachers Recruitment Grade 3rd / IIIrd in Rajasthan /RTET


शिक्षक भर्ती की नई प्रकिया के प्रति उभरता असंतोष ! – डॉ. भरत मिश्र प्राची
Article by - Dr. Bharat Mishra Prachee regarding new process of Teachers Recruitment Grade 3rd / IIIrd in Rajasthan /RTET )

राजस्थान प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षक पद पर जिला परिषद के माध्यम से भर्ती कराने के सरकारी निर्णय के विरुद्ध में प्रदेश का बेरोजगार युवा वर्ग सड़क पर उतर आया है। जिला परिषद द्वारा भर्ती प्रक्रिया पर निष्पक्षता को लेकर उसके मन में कहीं न कहीं संदेह जरूर समाया है तभी वह इस भर्ती प्रक्रिया को राजस्थान लोक सेवा आयोग अर्थत आरपीएससी से कराने की मांग कर रहा है। इस तरह की मांग के पीछे जिला परिषद द्वारा आयोजित परीक्षा में अविश्वसनीयता का उभरता प्रश्न साफ – साफ नजर आ रहा है जहां उसे जिला परिषद की व्यवस्था प्रणाली पर विश्वास नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि जिला परिषद पर जन नेताओं का वर्चस्व सीधे तौर पर है, जहां वे अपने प्रभाव से अपने चहेतों को भर्ती कराने में सफल हो जायेंगे। जहां भर्ती प्रक्रिया में  लेनदेन का व्यापार भी तेजी से चलेगा, जिसे रोक पाना किसी के बुते की बात नहीं। इस तरह की व्यवस्था में राजनीति भी समा जाती है जो निष्पक्षता के मार्ग में अवरोध बनती है।  आयोग द्वारा संचालित व्यवस्था में इस तरह के परिवेश की कम गुंजाईश रहती है। इसी कारण आजकल आयोग द्वारा ली गई परीक्षा के बाद साक्षातकार प्रक्रिया को भी धीरे – धीरे हटाकर परीक्षा में आये अंक की बरिष्ठ सूची के आधार पर ही भर्ती की जा रही है। इस तरह की व्यवस्था प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाये जाने की दिशा में सकरात्मक कदम माना जा रहा है। जहां योग्यता को कुठित नहीं होना पडे 

     वर्तमान समय में राज्य में जो भी भर्ती परीक्षा हो रही है सभी के सभी आयोग के माध्यम से ही हो रही है। जब से आयोग द्वारा परीक्षा आयोजन की प्रक्रिया शुरु हुई है तब से शिक्षक भर्ती परीक्षा भी इसी माध्यम से आज तक होती रही है। पूर्व में जब भी भर्ती प्रक्रिया जिला परिषद, ब्लाक एवं  पंचायत  स्तर पर होती रही है विवादाग्रस्त रही है। चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर तब भी सवाल उठते रहे है पर उस समय जागरूकता की कमी एवं रोजगार की पंक्ति में बेरोजगारों की आज जैसी भीड़ नहीं होने के कारण विवाद होते हुए भी विरोधी स्वर दब जाते रहे है।

        विधान सभा सत्र के दौरान तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को जिला परिषद द्वारा न कराये जाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है । पक्ष – विपक्ष के विधायक  सरकार से जहां इस व्यवस्था पर अपना विरोध जताते हुए आयोग से परीक्षा कराने की मांग कर रहे है वहीं कुछ विधायक सरकार की इस व्यवस्था को सही ठहराने की भी वकालत कर रहे है। इस तरह के परिवेश निश्चित तौर पर सही निर्णय लेने की तटस्त भूमिका में बाधा बन सकते है। आज जरूरत है निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर इस तरह के ठोस कदम उठाने की,  जिससे भर्ती संबंधित हर प्रक्रिया निष्पक्ष हो सके एवं योग्यता को उचित सम्मान मिल सके।

        भर्ती परीक्षा के मुख्यतः दो आयाम लिखित एवं मौखिक ( साक्षातकार ) यहां निर्धारित है। लिखित में बनी मेरिट लिस्ट के आधार पर आवश्यक पदो के अनुपात में साक्षातकार में बुलाये जाने की प्रक्रिया रही है। साक्षात्कार प्रक्रिया पर जब उंगलियां उठने लगी तो मेरिट लिस्ट में आने में  को ही अंतिम रूप मानकर नियुक्ति देने की भी व्यवस्था शुरू कर दी गई है। कुछ दांव पेंच खेल लिखित में भी मेरिअ में आने की कोशिश करते रहे है पर साक्षात्कार की तरह आसान नही होता। आयोग का स्वरूप पूरे राज्य में एक जैसा है जहां लिखित परीक्षा में राजनीतिक पहल का वर्चस्व काम करना संव नहीं है पर जिला परिषद स्तर पर राजनीतिक पहल का परिवेश आसानी से उजागर हो सकता है जिससे परीक्षा में निष्पक्षता के प्रति अविश्वास उभरना स्वाभाविक है। यहीं कारण हे कि आयोग के बजाय जिला परिषद से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती कराने की प्रक्रिया का विरोध हो रहा है। सरकार जब सभी तरह की परीक्षा आयोग के माध्यम से ही करा रही है तो इस परीक्षा को भी आयोग द्वारा ही कराये जाने की व्यवस्था अमल में लानी चाहिए जिससे परीक्षा प्रक्रिया में विश्वसनीयता बनी रह सके। इस तरह की नई प्रक्रिया नहीं लानी चाहिए जिससे युवा वर्ग में असंतोष उभर सके।

डॉ. भरत मिश्र प्राची
- स्वतंत्र पत्रकार, डी – 9 , सेक्टर – 3ए ,खेतड़ी नगर – 333504 राजस्थान.
Email:-prachi120753@gmail.com
 Article Published in pravasiduniya.com

RTET Rajasthan Highcourt :Why Grade 3rd / IIIrd Teacher Recruitment at District Level



 थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा जिला स्तर पर क्यों ?


(RTET Rajasthan Highcourt :Why Grade 3rd / IIIrd Teacher Recruitment at District Level )


जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2012 राज्य स्तर पर कराने की बजाय जिला स्तर पर करवाए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से जवाब मांगा है। न्यायाधीश एन.के.जैन व मीना वी. गोम्बर की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश दीपेंद्र कुमार शर्मा व 61 अन्य की याचिका पर दिया। याचिका में तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 89 व 274 (1) के तहत जिला स्तर पर करवाने को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया।

याचिका में कहा कि जिला स्तर पर परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने पर भी अभ्यर्थी की नियुक्ति नहीं हो सकेगी, जबकि दूसरे जिले में कम अंक प्राप्त अभ्यर्थी नियुक्ति ले सकेगा। किसी जिले में कम पद हैं तो किसी में बहुत ज्यादा। झुंझुनूं में 20 पद हैं तो बाड़मेर व जैसलमेर में दो दो हजार से ज्यादा। परीक्षा जिलेवार कराने से मेरिट लिस्ट प्रभावित होगी। पंचायतीराज नियम 275 में जिले वार नियुक्ति के बाद भी राज्य सरकार को यह शक्ति है कि वह दूसरे जिले की मेरिट सूची के आधार पर नियुक्ति प्राप्त नहीं कर सके अभ्यर्थियों को किसी अन्य जिले में नियुक्त कर सकती है बशर्ते कि वहां पद खाली हों। याचिका में भर्ती परीक्षा राज्य स्तर पर कराने की गुहार की


News : Bhaskar (11.4.12)